दिनकर की वह पंक्ति जिसमें
क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो!
उसे क्या? जो दंत हीन हैं विष हीन,विनीत और सरल हो!!
यह देवरिया के रुद्रपुर के परिवार पर अक्षर से लागू होती है जो किसी तरह से भरण पोषण कर रहा हो, वह यादव की हत्या के लिए कदापि दोषी नहीं माना जा सकता .गरीबी ही उसका दोष है, गरीबी हीउसका अभिशाप है, और गरीबी ही उसकी नियति है.एक गरीब परिवार जिसने अपनी जमीन बचाने के लिए कानून का सहारा लिया हो,जिसके पास भोजन की व्यवस्था करने के लिए परिवार के सदस्यो को छोटी मोटी कमाई की व्यवस्था करके परिवार का भरण पोषण करने की व्यवस्था करने की मजबूरी हो...शायद ही भर पेट की कोई गुंजाइश रही हो.अभाव ही जिस परिवार का स्वभाव बन गया हो,
बिटिया 1200 रूपये मासिक वेतन पर पढाती हो,,भाई पंडिताई करके किसी तरह परिवार चलाता हो,बाप रिक्शा चालक हो !
उसके उपर आरोप लगाया जा रहा है की जिला पंचायत सदस्य की हत्या कर दी यह आरोप उत्तर प्रदेश के प्रख्यात जातिवादी गिरोह ने लगाया है!!
अगर आपके दिमाग मे तनिक भी जगह है तो विचार किजिए क्या यह गरीब परिवार उसका जातिवादी बाहुबल के गाव मे अकेला ब्राह्मण परिवार क्या ऐसा कर सकता है?
दूसरी बात क्या उस जातिवादी अपराधी का दुश्मन यही ब्राह्मण परिवार मात्र रहा होगा?
जबकि वह भू-माफिया है अनेको की सम्पत्ति हड़पने के बाद किसी के उपर भू-माफिया का टैग लगता है,तो उसकी हत्या संदेहास्पद क्यो न मानी जाये?
नीचे दी गई तश्वीर मे इस लड़के की हत्या की कोशिश भी की गई लेकिन लड़का बच गया इसके परिवार के 5 सदस्यो को गाँव के बाहुबली ने मार दिया,बाहुबली समाजवादी के पार्टी के जातिवादी गिरोह सदस्य/नेता है!!
इसको बचाने और जस्टीफाई करने के लिए जातिवादी गिरोह और जातिवादी पार्टी सामने आई है,इस गिरोह और पार्टी का इतिहास सवर्णो,दलितो और अतिपिछड़ो के छाती पर सवार होकर नंगा नाच करने का रहा है,उत्तर प्रदेश का पिछले 33 सालो का इतिहास उठाकर देख लिजिए,यह हत्या नही सिधे तौर पर ब्राह्मणो और शासन प्रशासन को दी गई चुनौती है!!
इस चुनौती को स्वीकार करके जातिवादी गिरोह और जातिवादी दल के छाती पर सवार होना अब उत्तर प्रदेश के सामान्य जन का प्रयास होना चाहिए इन्हे नेस्तनाबूद करना होगा!!
इस जातिवादी गिरोह को तंत्र/कानुन/व्यवस्था/समाज/न्यायपालिका से कभी कोई लेना-देना ही नही रहा है,सत्ता मे अपराध और विपक्ष मे अपराध इनका चरित्र रहा है!!
एक आदमी जो सब प्रकार से सुदामा का जीवन जी रहा हो निर्धनता जिसका स्वभाव हो पंडित ही जिसका व्यवसाय हो और तीन और ताप पर छह करके रह रहा हो उसे इस बात के साहस की उम्मीद करना कि उसने ही यादों की हत्या की होगी यह आज की जातिवादी मानसिकता का सबसे बड़ा जलन था पाप है पाप इसलिए है कि जिसके पास कुछ नहीं है वह इतने बड़े अभियान को अंजाम नहीं दे सकता प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के आधार पर भी देवरिया का दुबे परिवार निर्दोष सिद्ध होता है लेकिन सांकेतिक भाषा करने में महारत हासिल करने वाले कथित राजनेता यह सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं की यादव के साथ अन्याय ना हो यादव साधु था संत था और यादव का परिवार गंगा के जल से भी ज्यादा पवित्र था जातिवादी मानसिकता में जीने वाले लोग कभी सामाजिक न्याय की क्रांति की अग्रदूत नहीं बन सकते सामाजिक सद्भाव के बजाय सामाजिक विद्रूपता का शिकार ऐसे नेता जिनके पास जाति का सबसे बड़ा सफा बढ़ा हुआ है बढ़ा हुआ है वह क्या करेंगे सत्य तो यह था की जातिवादी मानसिकता के लोग आगे बढ़कर असहाय निर्धन अर्थहीन परिवार की मदद के लिए आगे आते हैं परंतु उन्होंने प्रशासनिक और राजनीतिक व्यवस्था पर प्रशिक्षण खड़ा कर दिया है इस तरह के वर्ग संघर्ष कोई भूतपूर्व मुख्यमंत्री कोई बहुत बड़ा नेता अगर लगता है तो उसे उम्मीद की जा सकती है कि वर्ग संघर्ष को उसे करने का काम करता है मेरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में नेताओं के कथनी और करने में अंतर होना चाहिए अन्यथा बिहार की तरफ जातियों की सेवा जब खड़ा होगी तभी नेता अपने अपनी जातियों की सेनापति होंगे तब कोई किसी को बचा नहीं पाएगा गला का स्पर्धा और गला घोटू विचार का माहौल हमेशा नुकसानदेह होता है ऐसे में मेरी अपील है कि नेताओं को वर्ग संघर्ष कहानी से बचना चाहिए और ईश्वर को साक्षी मानकर के निर्झीर का विवेचन करते हुए उच्च मानदंड का स्थापित स्थापित करते हुए निर्भय निर्भीक और निष्पक्ष न्याय के प्रति सतर्क और सजग रहा करके बयान और कार्य करना चाहिए
राजेंद्र नाथ तिवारी
नोट=कृपया अपने अभिमत से भी अवगत कराएं