बस्ती
गायघाट के मदरसा जामिया अरबिया अशरफिया थाना कलवारी के कथित प्रबंधक मेहदी हसन पुत्र शफी मोहम्मद ने पुलिस अधीक्षक को एक पत्र देकर मांग किया है कि हमारे प्रतिद्वंदी जिनका वाद, सहायक रजिस्टार चित एंड फ्ड्स गोरखपुर के यहां चल रहा है उन्होंने थाना कलवारी को गुमराह कर फर्जी मोहर लगाकर जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी के यहां पत्र देकर यह कहने का प्रयास किया ,कि मेरा विद्यालय से संबंधित सारे कागजात गुम हो गए हैं ,
जबकि आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना में जन सूचना अधिकारी तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक बस्ती ने थाना कलवारी के प्रभारी जयप्रकाश दुबे के आख्या के आधार पर सूचना दी है कि कथित डॉक्टर किताब ऊल्लाह द्वारा थाने में कोई सूचना देना प्रमाणित नहीं पाया गया है अर्थात डॉक्टर किताबउल्लाह ने कूट रचनाकार प्रशासन और सरकारी विभाग जिसमें जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी बस्ती ,सहायक रजिस्ट्रार चीटस फंड्स गोरखपुर सम्मिलित हैं को गलत सूचना दिया और गलत सूचना के आधार पर शासनादेश के खिलाफ विवाद रहते हुए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने किताबउल्ला को प्रबंधक घोषित कर दिया .जो विधि सम्मत नहीं था.
जबकि जबकि प्रबंधन विवाद चल रहा हो ऐसे में किसी को भी प्रबंधक मानना न्याय संगत नहीं है .मेहंदी हसन ने पुलिस अधीक्षक बस्ती को पत्र देकर पुलिस को और सरकार को गलत सूचना देने के आरोप में डॉक्टर किताबबुल्लाह कथित प्रबंधक मदरसा जामिया अरबिया अशरफिया गायघाट बस्ती के खिलाफ आईपीसी की सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी की दर्ज करने के लिए अनुरोध किया है जाटव है कि थाने की फर्जी मोहर बनाकर कि ताबउल्लाह ने अपना स्वारथ सिद्ध कर लिया है.