बस्ती 14 सितम्बर
मण्डलायुक्त अखिलेश सिंह ने आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, बंजरिया, बस्ती का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान मण्डलायुक्त ने कृषि विज्ञान केन्द्र पर स्थापित विभिन्न प्रदर्शन इकाईयों, नेट हाउस एवं पाली हाउस के अन्दर उगायी जा रही सब्जियों (टमाटर, बैगन, मिर्च, फूलगोभी, पत्तागोभी, लौकी, तरोई, करेला) की नवीनतम् प्रजातियों की नर्सरी एवं रंगीन आम की नवीनतम् प्रजातियों जैसे पूसा श्रेष्ठ, पूसा पीताम्बर, पूसा लालिमा, पूसा अरूणिका, पूसा अम्बिका, टामी एट किंस, संसेशन, गुलाबखास आदि प्रजातियों की पौध नर्सरी का अवलोकन किया।
उन्होने केन्द्र पर लगे आम, अमरूद, लीची, सेब, अनार, कीवी, अंजीर, आडू बुखारा, मौसमी, ऑवला आदि के मातृ वृक्षों का अवलोकन कर उसके विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। केन्द्राध्यक्ष, प्रो0 एस0एन0 सिंह ने मण्डलायुक्त को बताया कि के0वी0के0 बस्ती को पं0 दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त हुआ है। उन्होने बताया कि केन्द्र पर आईएआरआई पूसा, नई दिल्ली से शीघ्र ही रिलीज हुई आम की नवीनतम् प्रजाति पूसा दीपशिखा एवं पूसा मनोहरी तथा किन्नू सन्तरा, मौसमी, कटहल व खजूर के टीश्यू कल्चर पौध का रोपण कर केन्द्र पर मातृबृक्ष तैयार किया जा रहा है तथा केन्द्र के प्रक्षेत्र पर कालानमक धान की उन्नतिशील प्रजातियों पूसा नरेन्द्र कालानमक-1 एवं पूसा सी0आर0डी0 कालानमक-2 का बीजोत्पादन किया जा रहा है। इसका क्षेत्रफल आगामी वर्ष में और बढाया जायेगा, जिससे पूर्वान्चल के 11 जनपदांे के कृषकों को कालानमक धान की उन्नतिशील प्रजातियों का बीज उपलब्ध हो सके।
मण्डलायुक्त ने केन्द्र के वैज्ञानिकों .को निर्देशित किया कि वे नवीनतम् तकनीकों का जनपद की एग्रो क्लाईमेट में परीक्षण कर जनपद में संस्तुति देने का कार्य करें तथा जनपद के किसानों को वर्ष भर नवीनतम् प्रजातियों की सब्जी नर्सरी की उपलब्धता सुनिश्चित करेे। उन्होने कहा कि इस केन्द्र को सिर्फ जनपद के लिए माडल न बनकर देश व प्रदेश के लिए माडल केन्द्र बनकर तकनीकी विस्तार हेतु कार्य करना चाहिए।
उन्होने केन्द्र के वैज्ञानिकों के साथ मीटिंग कर सभी वैज्ञानिकों से विषयवार किये जा रहे कार्यों की जानकारी हासिल की। उन्होने निर्देशित किया कि सभी वैज्ञानिक जनपद के बेरोजगार नवयुवकों को रोजगार से जोडने हेतु उन्नत तकनीक की व्यवहारिक जानकारी प्रदान करें। कृषि का जी0डी0पी0 में 16.38 प्रतिशत योगदान है तथा खेती पर निर्भरता लगभग 65 प्रतिशत है। आप सभी का दायित्व बनता है कि उत्पादकता के साथ ही साथ पोषक तत्वों से भरपूर फसलों की प्रजातियों एवं फलों के उत्पादन हेतु प्रोत्साहित करें तथा त्वरित गति से नई तकनीक का जनपद में फैलाव करें।
मण्डलायुक्त ने गुण प्रसंसकरण इकाई का निरीक्षण किया। उन्होने वैज्ञानिकों को निर्देशित किया कि आप लोग जनपद के किसानों को प्रेरित करें कि वे ज्यादा से ज्यादा अपना गन्ना लाकर विभिन्न प्रकार की रेसपी का गुड़ उत्पादन का कार्य करें, जिससे जहॉ रोजगार का सृजन होगा, वही किसानों एवं बच्चों के मालन्यूट्रीशन के कमी की भी पूर्ति हो सकेगी। केन्द्र पर फलों की इतनी प्रजातियों का कलेक्शन बहुत अच्छा है, जिसका लाभ जनपद, प्रदेश एवं देश के किसानों को मिल रहा है। यह एक प्रसंसनीय कार्य है।
मण्डलायुक्त ने कहा कि जिले स्तर से के0वी0के0 को सहयोग प्रदान किया जायेगा, जिसमंे अन्य प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन इकाई जैसे मशरूम उत्पादन एवं कृषक महिलाआंे हेतु कम्यूनिटी सेन्टर की स्थापना हेतु प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया। भ्रमण के दौरान डा0 डी0के0 श्रीवास्तव, डा0 वी0बी0 सिंह, डा0 प्रेम शकर, निखिल सिंह आदि उपस्थित रहे।.