जमीनी विवाद में खा लिया जहर, चली गई जान

 



बस्ती। 

नगर पंचायत के शास्त्री नगर वार्ड में दंपती के विषाक्त पदार्थ खा लेने की घटना से पूरा कस्बा स्तब्ध है। लोगों में इसे लेकर कई तरह की चर्चा की जा रही है। दंपती के जहर खाने की जानकारी सबसे पहले राम नवल किशोर के बड़े बेटे अनुराग ने दी। आठवीं में पढ़ने वाले अनुराग ने बताया कि रोज वह मम्मी-पापा का पांव छूकर स्कूल जाता था। बृहस्पतिवार को भी सुबह स्कूल जाने के लिए तैयार होकर जब मम्मी-पापा के पैर छूने के लिए उनके पास गया। दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया। दोनों बेसुध पड़े हुए थे। इससे घबराकर उसने शोर मचाकर आसपास के लोगों को बुला लिया।

इधर, मृतक राम नवल के दोनों भाई व परिवार के अन्य सदस्य उसकी पत्नी को लेकर गोरखपुर मेडिकल कालेज गए हैं। उसके तीन बच्चों को लेकर घर पर मौजूद पिता गबोधर उर्फ बाबूराम किसी भी जानकारी से इन्कार कर रहे हैं। कहते हैं कि वह तो खुद हैरान हैं कि ऐसा कैसे हो गया। वहीं, लोगों में गुपचुप तरीके से जमीन बेचने को लेकर चर्चा है। गबोधर के तीन बेटों में सबसे बड़ा राम स्वरूप, फिर बसंतलाल और तीसरे नंबर का बेटा राम नवल किशोर था। राम स्वरूप गांव के अंदर के मकान में रहता है। बसंत लाल सड़क के पास के खेत में दो-तीन कमरे का मकान बनाकर रहता है। जबकि राम नवल सड़क पर स्थित अपनी जमीन में मकान बनाकर तीन बच्चों व पत्नी के साथ रहता था। परिवार में 20 बीघा जमीन है। घटना के बाद घर पर जुटे लोगों में कुछ लोगों का कहना है कि उस जमीन का कुछ हिस्सा गुपचुप तरीके से राम नवल ने एक दलाल के जरिए बेच दी थी। इसकी जानकारी बाकी भाइयों व पिता को नहीं थी। दबी जुबान लोगों ने बताया कि भाइयों को इसकी जानकारी हुई तो वे लोग अपना हिस्से के रुपये के लिए दबाव बनाने लगे। उधर, जिस दलाल के माध्यम से जमीन बेची गई थी वह अपने कमीशन को लेकर दबाव बनाए हुए था। 
इसी वजह से राम नवल ने पत्नी के साथ जहर खा लिया। हालांकि पुख्ता तौर पत्नी के बयान पर ही कुछ कहा जा सक
तीन भाइयों में सबसे छोटे राम नवल किशोर के जमीन बेच देने की बात को कुछ लोग यह कहकर खारिज कर रहे हैं कि पिता के जीवित रहते पैतृक जमीन उसके नाम कैसे हो गई होगी। कुछ लोगों का कहना है कि हो सकता है कि उसने जमीन के लिए किसी से रुपये लेकर खर्च कर दिया हो और जिससे रुपये लिया हो वह रजिस्ट्री करने के लिए दबाव बना रहा हो। उधर, भाइयों को इसकी जानकारी हुई हो तो वह लोग अपना हिस्सा मांगने लगे हों। इन सवालों का फिलहाल किसी के पास जवाब नहीं है.

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