सौ करोड़ से ज्यादा की ठगी करने वाले नाइजीरियाई गिरोह को आजमगढ़ पुलिस ने दबोचा!

 


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।

 साइबर क्राइम थाना परिक्षेत्र आजमगढ़ को एक बड़ी सफलता मिली है। बलिया निवासी युवती से 32 लाख की ठगी करने वाले तीन नाइजीरियन नागरिकों को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।इनके पास से पुलिस टीम सात मोबाइल, दो लैपटॉप, चार पासपोर्ट, चार भारतीय व चार नाइजीरियन सिम कार्ड बरामद किया है। रानी की सराय थाना परिसर स्थित साइबर क्राइम थाने में 14 मई को बलिया जिले के सहतवार थाना क्षेत्र की रहने वाली एक युवती ने तहरीर दी। बताया कि इंस्ट्राग्राम आईडी लारेंस एंड माइकल 022 द्वारा उसके साथ दोस्ती की गई। इसके बाद मेरी शादी में महंगे उपहार देने के नाम पर लगभग 32 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी कर ली गई। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर साइबर क्राइम थाने की पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट गई। इस दौरान पता चला कि दिल्ली में बैठे तीन नाइजीरियन नागरिकों ने युवती के साथ ठगी की है। गिरोह के तीनों सदस्य दिल्ली के चंदर बिहार में रहते हैं। इसके बाद प्रभारी निरीक्षक विमल प्रकाश राय के नेतृत्व में टीम 16 सितंबर को दिल्ली पहुंच गई। मोबाइल लोकेशन के आधार पर दबिश देकर नाइजीरियन नागरिक चिबूके आस्टिन, चिमेजी जस्टिस और चिमामक्पा किजिटो को गिरफ्तार किया।

प्रभारी निरीक्षक विमल प्रकाश राय ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे मेडिकल व स्टूडेंट वीजा पर भारत आते हैं। मिजोरम व नागालैंड के लोगों के साथ मिल कर लोगों को महंगे गिफ्ट देने के बहाने भारतीय व अन्य देशों के नागरिकों से ठगी करते हैं। मिजोरम व नागालैंड के लोगों को पैसो का लालच देकर उनके बैंक खाते में पैसा मंगाते हैं और उन्हीं के आईडी पर ली गई सिमकार्ड का प्रयोग साइबर ठगी में करते हैं। महंगे उपहार देने के नाम पर अधिवक्ता शुल्क, कस्टम शुल्क, फाइल शुल्क इत्यादि के नाम पर पैसा लेते हैं। जिसे फर्जी खातों में मंगाने के बाद एटीएम से पैसा निकाल कर अपने नाइजीरियन बैंक के खातों में डाल देतें है। अब तक एक अरब से अधिक के धोखाधड़ी की भी बात तीनों ने स्वीकार की है।"

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