जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन के निर्देशानुसार जनपद स्तरीय आत्मा गवर्निंग बोर्ड, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन तथा श्रीअन्न मिलेट्स की बैठक कलेक्टेªट सभागार में सम्पन्न हुयी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीडीओ डा. राजेश कुमार प्रजापति ने वर्ष 2022-23 के कार्यो की समीक्षा किया तथा वर्ष 2023-24 में कृषि, पशुपालन, मत्स्य, डेयरी, उद्यान, रेशम, गन्ना विभाग एवं स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा किए गये कार्यो की प्रगति की समीक्षा किया।
बैठक में जैविक एवं प्राकृतिक खेती योजना पर विचार किया गया। सबमिशन आन मेकेनाईजेशन एवं इन-सीटू योजना के अन्तर्गत पराली प्रबंधन एवं इसके लिए विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की गयी। सीडीओ ने बताया कि श्रीअन्न के अन्तर्गत मोटा अनाज-ज्वार, बाजरा, कोदों, सॉवा एवं रागी के 1673 मिनीकिट किसानों को वितरित किया गया। प्रगतिशील किसान राममूर्ति मिश्रा ने इन अनाजों के प्रोसेसिंग के लिए मशीन लगाने का सुझाव दिया। उन्होने कहा कि इसके बीज उत्पादन करने वाले किसान कृषि विभाग को सूचित करें।
उन्होने कहा कि जनपद में कुल 92 कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) पंजीकृत है परन्तु इसमें से एक दर्जन एफपीओ ने शक्ति पोर्टल पर पंजीकरण नही कराया है। जनपद में 10 नये एफपीओ गठित हो रहे है। उन्होने इन सभी को शक्ति पोर्टल पर रजिस्टेªशन कराने का निर्देश दिया है। उन्होने सभी एफपीओ को निर्देशित किया कि दो वर्ष का सीए आडिट करा लें अन्यथा उनका रजिस्टेªशन निरस्त हो जायेंगा। उन्होने सभी एफपीओ को बेहतर कार्य करने एवं परिणाम के लिए कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया।
उन्होने कहा कि 50 एफपीओ के पदाधिकारियों का प्रशिक्षण कराया जाना है, इसके लिए प्रशिक्षण में भाग लेने वाले पदाधिकारी का नाम कृषि विभाग को उपलब्ध करा दें। समीक्षा में उन्होने पाया कि वर्ष 2022-23 में रू0 5.40 करोड़ के सापेक्ष 1.40 करोड़ विभाग को प्राप्त हुआ है, जिसके द्वारा किसानों का प्रशिक्षण, राज्य के भीतर तथा राज्य के बाहर भ्रमण, किसान मेला, गोष्ठी, प्रदर्शन एंव अच्छा उत्पादन करने वाले प्रगतिशील किसानो को पुरस्कार वितरण कराया गया। वर्ष 2023-24 में प्राप्त धनराशि रू0 51.65 लाख के सापेक्ष रू0 43.43 लाख व्यय किया गया। सीडीओ ने निर्देशित किया है कि सभी विभाग प्रत्येक माह का लक्ष्य पूरा करें।
उन्होने बताया कि कृषि यंत्रों की विक्री में डुप्लिकेसी रोकने के लिए टैªकिंग सिस्टम चालू किया गया है, जिसमें बेचे जाने वाले कृषि यंत्र की फोटो एंव उसका नम्बर पोर्टल पर अपलोड करना होंगा। अब कोई विक्रेता एक यंत्र दो-तीन किसानों को नही बेच सकेंगा। बैठक का संचालन उप निदेशक कृषि अनिल कुमार ने किया। इसमें कृषि विज्ञान केन्द्र के निदेशक डा. एस.एन.सिंह, जिला कृषि अधिकारी मनीष सिंह, नाबार्ड के मनीष कुमार, सहायक निदेशक रेशम नितेश सिंह, मत्स्य के संदीप वर्मा, गन्नाधिकारी मंजू सिंह, विभागीय अधिकारी तथा समिति के सदस्यगण उपस्थित रहें।
बैठक में जैविक एवं प्राकृतिक खेती योजना पर विचार किया गया। सबमिशन आन मेकेनाईजेशन एवं इन-सीटू योजना के अन्तर्गत पराली प्रबंधन एवं इसके लिए विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की गयी। सीडीओ ने बताया कि श्रीअन्न के अन्तर्गत मोटा अनाज-ज्वार, बाजरा, कोदों, सॉवा एवं रागी के 1673 मिनीकिट किसानों को वितरित किया गया। प्रगतिशील किसान राममूर्ति मिश्रा ने इन अनाजों के प्रोसेसिंग के लिए मशीन लगाने का सुझाव दिया। उन्होने कहा कि इसके बीज उत्पादन करने वाले किसान कृषि विभाग को सूचित करें।
उन्होने कहा कि जनपद में कुल 92 कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) पंजीकृत है परन्तु इसमें से एक दर्जन एफपीओ ने शक्ति पोर्टल पर पंजीकरण नही कराया है। जनपद में 10 नये एफपीओ गठित हो रहे है। उन्होने इन सभी को शक्ति पोर्टल पर रजिस्टेªशन कराने का निर्देश दिया है। उन्होने सभी एफपीओ को निर्देशित किया कि दो वर्ष का सीए आडिट करा लें अन्यथा उनका रजिस्टेªशन निरस्त हो जायेंगा। उन्होने सभी एफपीओ को बेहतर कार्य करने एवं परिणाम के लिए कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया।
उन्होने कहा कि 50 एफपीओ के पदाधिकारियों का प्रशिक्षण कराया जाना है, इसके लिए प्रशिक्षण में भाग लेने वाले पदाधिकारी का नाम कृषि विभाग को उपलब्ध करा दें। समीक्षा में उन्होने पाया कि वर्ष 2022-23 में रू0 5.40 करोड़ के सापेक्ष 1.40 करोड़ विभाग को प्राप्त हुआ है, जिसके द्वारा किसानों का प्रशिक्षण, राज्य के भीतर तथा राज्य के बाहर भ्रमण, किसान मेला, गोष्ठी, प्रदर्शन एंव अच्छा उत्पादन करने वाले प्रगतिशील किसानो को पुरस्कार वितरण कराया गया। वर्ष 2023-24 में प्राप्त धनराशि रू0 51.65 लाख के सापेक्ष रू0 43.43 लाख व्यय किया गया। सीडीओ ने निर्देशित किया है कि सभी विभाग प्रत्येक माह का लक्ष्य पूरा करें।
उन्होने बताया कि कृषि यंत्रों की विक्री में डुप्लिकेसी रोकने के लिए टैªकिंग सिस्टम चालू किया गया है, जिसमें बेचे जाने वाले कृषि यंत्र की फोटो एंव उसका नम्बर पोर्टल पर अपलोड करना होंगा। अब कोई विक्रेता एक यंत्र दो-तीन किसानों को नही बेच सकेंगा। बैठक का संचालन उप निदेशक कृषि अनिल कुमार ने किया। इसमें कृषि विज्ञान केन्द्र के निदेशक डा. एस.एन.सिंह, जिला कृषि अधिकारी मनीष सिंह, नाबार्ड के मनीष कुमार, सहायक निदेशक रेशम नितेश सिंह, मत्स्य के संदीप वर्मा, गन्नाधिकारी मंजू सिंह, विभागीय अधिकारी तथा समिति के सदस्यगण उपस्थित रहें।