नई दिल्ली,20अगस्त
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच एक न्यूज चैनल ने शिखर सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें बीजेपी, कांग्रेस समेत अन्य दलों के दिग्गज राजनेता शामिल हुए. इस दौरान नोताओं से राज्य के सियासी समीकरण और जनता के लाभ के लिए कामकाज की चर्चा की गई. इस सम्मेलन में मशहूर कवि कुमार विश्वास से भी बातचीत हुई.
शिखर सम्मेलन में जब कुमार विश्वास राजनीतिक से संन्यास लेने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं बच्चों की कसम खाकर कहता हूं कि कांग्रेस में नहीं जाऊंगा. मैं इस फ्रॉड बाजी से बाहर था, हूं और रहूंगा. उन्होंने कहा कि राजनीति कोई बुरा काम नहीं है, राजनीति तो युगधर्म है. हमारे सारे देवताओं ने राजनीति की है. कृष्ण से बड़ी राजनीति किसने की है? उन्होंने यह भी कह दिया कि हिंदुस्तान के मुसलमान सनातनी मुसलमान हैं.
'इतिहास बड़ा निर्मम परीक्षक है'
कुमार विश्वास ने कहा हम और आप जो बात कर रहे हैं, वह डिजिटल इतिहास बन रहा है. आज के नेता ये समझ लें कि कुर्सियों पर बैठने से बच नहीं जाएंगे. इतिहास मूल्यांकन करेगा. अगर इतिहास निर्मम मूल्यांकन गांधी का कर रहा है, नेहरू का कर रहा है, तो आप किस खेत की मूली हैं?
कांग्रेस पर साधा निशाना
कुमार विश्वास कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 1947 में जब देश आजाद हुआ तो कांग्रेस चाहती थी कि जयप्रकाश नारायण उपप्रधानमंत्री बनें. उसके बाद के किसी कारण से वह कांग्रेस से ऊबे और पटना में जाकर बैठ गए. फिर गांधी आश्रम का काम करने लगे. इंदिरा गांधी के समय जब लोकतंत्र की दीपशिखा आपातकाल के हाथों के बीच कसमसाइ तो पूरे देश ने ढूंढा कि कोई एक आदमी खड़ा हो सकता है. पूरे देश के युवा कदम कुआं गए और जयप्रकाश ने लाठी उठाई और आजादी का बिगुल बज उठा.