गोंडा,20अगस्त
तरह-तरह के फर्जीवाड़े के सामने आ रहे हैं, गोंडा जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग में 24 से ऊपर ऐडेड जूनियर हाई स्कूलों में प्रबंधकों और विभाग की मिली भगत से अध्यापकों की नियुक्ति में भ्रष्ट आचरण अपनाये जाने का मामला सामने आया है. जिसमें एसआईटी जांच कर रही है, गोंडा में बेसिक शिक्षा विभाग के अशासकीय सहायता प्राप्त जूहाई स्कूलों। के ऊपर एसआईटी की जांच तेज हो गई है ,मनमाने तरीके से हुई नियुक्ति में राज फांस के लिए जिले के 28 स्कूल में कार्यरत शिक्षकों का कर्मचारियों के शैक्षिक पर शिक्षक संबंधी अभिलेख मांगा गया है.
ज्ञातव्य है कि सभी को मूल अभिलेख देना है इसमें सत्यापन में किसी प्रकार के दिक्कत ना हो, बेसिक शिक्षा विभाग की सहायता प्राप्त स्कूलों के मनमानी नियुक्ति को लेकर हो रही। एस आई टी की जांच कर रही है. सभी शिक्षकों का कर्मचारी का अभिलेख को उपलब्ध कराया जाएगा कर्मचारी निर्धारित करता पूरी करते हैं या नहीं अनोखी कब हुई नियुक्ति प्रक्रिया क्या पालन किया गया?
इन बिंदुओं को जांच होनी है बेसिक शिक्षा निदेशक में सत्यापन के लिए अभिलेख मांगा है माना जा रहा है अभिलेख की जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी और अभिलेख देने में हिला हवाली ब रती जाती है तो इसमें गड़बड़ी की आशंका बढ़ जाएगी .7 जुलाई तक अभिलेख न देने वाले प्रबंधन को प्रधानाचार्य को अनुस्मारक भेजा गया है.तत्कालीन बीएससी मनीराम सिंह को 36 शिक्षकों का कर्मचारी का विवरण उपलब्ध नहीं कराए थे. उन्हें हर महीने 94 लख रुपए का भुगतान किया जा रहा है .
तत्कालीन बीएससी को निलंबित कर दिया गया भुगतान के प्रक्रिया अभी भी चल रही है .मानव संपदा पोर्टल पर अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों का कर्मचारियों का डाटा अपलोड नहीं है .डाटा अपलोड ना होने के कारण भी इनको हर महीने वेतन दिया जा रहा है अगर यही शिक्षक , कर्मचारी एसआईटी जांच में फर्जी पाए गए तो बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों का कर्मचारी से वेतन की रिकवरी कैसे करेगा .इसका बड़ा सवाल है तत्कालीन बीएससी अखिलेश प्रताप सिंह ने वेतन दिए जाने पर कई दिन के लिए रोक लगाया था ,लेकिन उनका तबादला होने के बाद एक बार फिर उन अशासकीय की सहायता प्राप्त स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है .
इन्हीं शिक्षकों की नौकरी के आधार पर समिति द्वारा जांच की जा रही है जांच प्रचलित होने के बावजूद भी शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है, बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद यादव ने बताया है कि संबंधित कर्मचारियों का मूल अभिलेख माना गया है, शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही अभिलेखों का सत्यापन कराया जाना है. इससे स्थिति स्पष्ट हो जाएगी ,जिनकी नियुक्ति है वह सही है या गलत. सभी अभिलेख जांच समिति को उपलब्ध कराए जाएंगे इससे पता चलेगा की मामला क्या है.