मोदी का परिवार वाद बनाम कांग्रेस व आई एन डी आई ए का परिवार वाद

 


अभी कल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर से घोषणा कर दी. कि अगले वर्ष15अगस्त को अपने परिवार का आशीर्वाद लेने लाल किले पर फिर वापस आएंगे. यह कोई सहसा नहीं अपितु एक मजी मजआई कहानी का हिस्सा हे.

इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी समेत राजग की समस्त गतिविधियां पूर्ण रूप से सोची समझी रणनीति का हिस्सा हैं .जिस तरह से अति आत्मविश्वास के साथ नरेंद्र मोदी ने तमाम विषयों पर 2047 तक के लिए अपने परिवार से हाथ फैलाकर समय मांगा वह अपने आप में एक ऐतिहासिक तथ्य को क्रिया है कि नरेंद्र मोदी वैश्विक महाशक्ति बनाने में भारत को लगे हुए हैं और राष्ट्रीय पुनर्जागरण तथा सांस्कृतिक पुनर्जागरण को लेकर के विश्व गुरु बनाने की पहल पर कम कर रहे हैं, उन की सबसे पहली बार इतिहास पुनरलखन लेखन है. जिस तरह से समाचार पत्र कुछ भी गलत सब जाने पर भूल सुधार करते हैं इस तरह से अपने परिवार पूर्ववर्ती सरकारों के प्रायश्चित स्वरूप नरेंद्र मोदी ने इस बात को इंगित किया है कि हम अपने नेताओं द्वारा जवाहरलाल नेहरू से लेकर के मनमोहन सिंह तक बिना नाम लिए या संकेत दे दिया हम उनकी भूल सुधार के लिए और भारत को वैश्विक महाशक्ति बनने के लिए निरंतर काम करते रहेंगे. इसके लिए परिवार की सार्थक को हल की आवश्यकता है उनके अगले साल 15 अगस्त की वापसी पर 2024 का एजेंडा भी नरेंद्र मोदी ने सेट कर दिया है .

विपक्षी गठबंधन आई एन डी आई ए इसी महीने अपनी तीसरी उठा पटक मुंबई में शिवसेना की पहल पर करने जा रहा है इसमें जिस तरह से अपनी-अपनी नेतृत्व को बढ़ाने को लेकर के चाहत को लेकर के राजनीतिक पार्टियों और नेता निरंतरआई एन डी आई ए से किनारा कस रहे हैं, वह अपने आप में एक बहुत बड़ी ऐतिहासिक भूल है कि बिहार में विपक्षी गठबंधन की बैठक के पहले जीतन राम मांझी ने उपेंद्र कुशवाहा ने आई एन डी आई ए छोड़ दिया है .महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी दो पाठ में लगी हुई है और सूत्रों के अनुसार शरद पवार भी एनडीए में जाने के लिए कयास लगाया जा रहे हैं. दलबदलू खेमा में अंतर जारी है चुनावी मौसम में नेताओं का चेहरा स्याह वा कालिमा में बदलता जा रहा है .

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के प्रहार से तमाम लोग आ- जा रहे हैं. दारा सिंह चौहान और ओमप्रकाश राजभर की घर वापसी अपने आप में संदेश देती है कि जयंत चौधरी भी सपा का साथ छोड़कर के भाजपा में आने के लिए बिल्कुल तैयार हैं. जयंत चौधरी का उत्तर प्रदेश में विशेष कर पश्चिम में जन आधार ठीक-ठाक है भाजपा को हराने के लिए विपक्ष का गणित इस प्रकार है बीजेपी ने 2019 के चुनाव में 37% वोटो के साथ 303 सिम जीती थी भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए को 45%ऑन के साथ 353 सिम इस बार विपक्षी द्वाराबीजेपी के खिलाफ एक उम्मीदवार खड़ा करने की तैयारी चल रही है. दरअसल बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में सारे गणित अपने पक्ष में करने का पूरा माहोल बना लिया है .दारा सिंह चौहान और ओमप्रकाश राजभर पूर्वी उत्तर प्रदेश में यदि भाजपा मोदी सपा का खेल बिगांह सकते हैं तो पश्चिम उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी अर्जुन बनने की भूमिका में है

सुहेलदेव भारती समाज पार्टी के अध्यक्ष राजभर अब एनडीए में लौट आए हैं और वह भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे अभी तक विपक्षी दल एक झुकता के नाम पर सिर्फ बैठे रहे सीटों का बंटवारा और पीएम फेस सबसे बड़ी चुनौती बनी रही बंगाल में ममता बनर्जी से लेकर उनकी पार्टी का नारा बुलंद हो रहा पीएम होकर ममता या नीतीश कुमार या कोई और सबसे गंभीर मामला सबसे गंभीर विषय बनकर सामने उभर रहा है और फिर आई एन डी आई ए बनाम एनडीए की लड़ाई में नरेंद्र मोदी ने पहले ही बढ़त हासिल कर ली है और 2024 हर हाल में नरेंद्र मोदी का एनडीए सत्ता के प्रति के लिए सारे प्रयास कर रहा है ,इसीलिए कहा गया है कि पराक्रम और परिश्रम और बिना इसके कोई भी काम संभव नहीं है और नरेंद्र मोदी और उनकी टीम ने इस बात को बेहतर समझकरसिद्ध करने का प्रयास किया है .144 लोगों करोड़ लोगों को जब नरेंद्र मोदी ने अपने परिवार की बात कही तो इस समय सिद्ध हो गया आई एन डी आई ए के लिए निरंतर परास्त होने की ओर अग्रसर है .

जहां सभी नेता बनने का प्रयास कर रहे हो और जहां सभी मंत्री बनने का प्रयास कर रहे हो और जहां सभी प्रधानमंत्री का चेहरे की होड़ में हो ऐसे में नरेंद्र मोदी का यह कहना कि विपक्ष अपने अंतर विरोधों से समाप्त हो जाएगा .एक ऐसा चेहरा जिसके नाम पर हंसी आ,ती है राहुल गांधी उसको सामने लाकर के समाज का विद्रुप चेहरा बनाकर लोगों द्वारा पेश किया जा रहा है ना बोल पाता है ना बतिया पता है ना समाज पर अपनी छाप छोड़ पता है वह नौटंकी का जोकर के अतिक्त कुछ भी नहींऔर 52 बरस की उम्र में भी आखिर आंख मारने का काम उसका यह बात सिद्ध करता है कि देश और समाज का दायित्व उठाने में अयोग्य ,अक्षम व राजनीतिक मनोरंजक है.कुलीन परिवार में जन्मना कोई कुलीन नहीं होजाता,राहुल इसके सक्षम उदाहरण हैं.ज्ञातव्य है मोदी का परिवार वाद कांग्रेसियों ,आई एन डी आई ए के परिवार वाद पर हावी ब 2024की जीत का बढ़त आज ही बना चुका है.

राजेंद्र नाथ तिवारी

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