मण्डलायुक्त अखिलेश सिंह ने जलजीवन मिशन के अन्तर्गत ट्यूबेल बोरिंग, पम्प हाउस, ओवरहेड टैंक बनाने की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया है। सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होने जल निगम के तीनों जिलों के अधिशासी अभियन्ताओं को निर्देशित किया है कि वे प्रत्येक सप्ताह सीडीओ की अध्यक्षता में बैठक कराये तथा भूमि संबंधी विवाद, पेड़ कटवाने संबंधी प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण करायें। उन्होने बैठक में राजस्व विभाग के सक्षम अधिकारी के ना आने पर भी नाराजगी व्यक्त किया।
बस्ती मण्डल के अन्तर्गत तीनो जनपदों में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत फेज-2, फेज-3 एवं फेज-5 को सम्मलित करते हुए तीन फर्मो द्वारा कुल 5824 राजस्व ग्रामों को पेयजल से आच्छादित करने का चयन किया गया है, जिसके सापेक्ष तीनों फर्मों द्वारा 5824 राजस्व ग्रामों में भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है एवं उपलब्ध भूमि के सापेक्ष 2063 स्टीमेट स्वीकृत हो गया हैं।
1984 स्टीमेट पर कवर एग्रीमेन्ट के सापेक्ष 1545 पेयजल योजना पर कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है, जिसके अन्तर्गत 1560 ट्यूबवेल पर बोरिंग का कार्य पूर्ण किया गया। 19613 कि०मी० पाइप लाइन के सापेक्ष 8065 कि०मी० बिछायी गयी। 599 पम्प हाउस पर कार्य प्रारम्भ किया गया, जिसके सापेक्ष 181 पम्प हाउस पूर्ण कर लिए गये है। 1080 ओवरहेड टैंक पर कार्य प्रारम्भ किया गया है। 831610 हाउस कनेक्शन के सापेक्ष 276735 हाउस कनेक्शन पूर्ण कर लिया गया है। वित्तीय प्रगति रू0 4594.26 करोड़ के सापेक्ष 1077.00 करोड़ व्यय कर लिया गया है। शेष कार्य प्रगति पर है।
मण्डलायुक्त ने निर्देश दिया है कि माहवार लक्ष्य निर्धारित करके कार्य पूर्ण करायें। समीक्षा में उन्होने पाया कि कार्यदायी संस्थाओं के पास मैनपावर पर्याप्त नही है, मशीनों की कमी है तथा उनके द्वारा कार्य पूर्ण करने में पर्याप्त रूचि नही ली जा रही है। उन्होने अधीक्षण अभियन्ता को निर्देश दिया कि ऐसे लापरवाह कार्यदायी संस्थाओं के संबंध में तत्काल शासन को अवगत करायें। उन्होने बैठक में आये उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि 30×30 मीटर कुल 900 स्क्वायरमीटर भूमि उपलब्ध करायें। भूमि, तालाब एवं चारागाह की ना हो। भूमि संबंधी विवादों का त्वरित निस्तारण करें। साप्ताहिक बैठक में उन अधिकारियों को भी बुलाया जाय, जिनसे संबंधित समस्या का निराकरण होना है।
उन्होने कहा कि पाइप लाइन बिछाने के दौरान सड़को की कटिंग की जाती है और उसकी पर्याप्त मरम्मत नही की जाती है। उन्होने अधिशासी अभियन्ताओं को निर्देशित किया कि वे स्वयं ऐसी सड़को का निरीक्षण करे तथा गुणवत्तापूर्ण मरम्मत करायें, मरम्मत कार्य की फोटो पत्रावली में रखें। उन्होने जिला समन्वयको को भी निर्देशित किया कि सक्रिय रहकर जलजीवन मिशन के कार्य को समय से पूर्ण करायें। बैठक का संचालन संयुक्त विकास आयुक्त पद्मकान्त शुक्ल ने किया। इसमें अधीक्षण अभियन्ता जलनिगम सौरभ कुमार, अधिशासी अभियन्ता संजय जायसवाल, कार्यदायी संस्था मेघा वीएसए, जैक्शन के प्रतिनिधिगण, जिला समन्वयक उपस्थित रहें।
बस्ती मण्डल के अन्तर्गत तीनो जनपदों में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत फेज-2, फेज-3 एवं फेज-5 को सम्मलित करते हुए तीन फर्मो द्वारा कुल 5824 राजस्व ग्रामों को पेयजल से आच्छादित करने का चयन किया गया है, जिसके सापेक्ष तीनों फर्मों द्वारा 5824 राजस्व ग्रामों में भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है एवं उपलब्ध भूमि के सापेक्ष 2063 स्टीमेट स्वीकृत हो गया हैं।
1984 स्टीमेट पर कवर एग्रीमेन्ट के सापेक्ष 1545 पेयजल योजना पर कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है, जिसके अन्तर्गत 1560 ट्यूबवेल पर बोरिंग का कार्य पूर्ण किया गया। 19613 कि०मी० पाइप लाइन के सापेक्ष 8065 कि०मी० बिछायी गयी। 599 पम्प हाउस पर कार्य प्रारम्भ किया गया, जिसके सापेक्ष 181 पम्प हाउस पूर्ण कर लिए गये है। 1080 ओवरहेड टैंक पर कार्य प्रारम्भ किया गया है। 831610 हाउस कनेक्शन के सापेक्ष 276735 हाउस कनेक्शन पूर्ण कर लिया गया है। वित्तीय प्रगति रू0 4594.26 करोड़ के सापेक्ष 1077.00 करोड़ व्यय कर लिया गया है। शेष कार्य प्रगति पर है।
मण्डलायुक्त ने निर्देश दिया है कि माहवार लक्ष्य निर्धारित करके कार्य पूर्ण करायें। समीक्षा में उन्होने पाया कि कार्यदायी संस्थाओं के पास मैनपावर पर्याप्त नही है, मशीनों की कमी है तथा उनके द्वारा कार्य पूर्ण करने में पर्याप्त रूचि नही ली जा रही है। उन्होने अधीक्षण अभियन्ता को निर्देश दिया कि ऐसे लापरवाह कार्यदायी संस्थाओं के संबंध में तत्काल शासन को अवगत करायें। उन्होने बैठक में आये उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि 30×30 मीटर कुल 900 स्क्वायरमीटर भूमि उपलब्ध करायें। भूमि, तालाब एवं चारागाह की ना हो। भूमि संबंधी विवादों का त्वरित निस्तारण करें। साप्ताहिक बैठक में उन अधिकारियों को भी बुलाया जाय, जिनसे संबंधित समस्या का निराकरण होना है।
उन्होने कहा कि पाइप लाइन बिछाने के दौरान सड़को की कटिंग की जाती है और उसकी पर्याप्त मरम्मत नही की जाती है। उन्होने अधिशासी अभियन्ताओं को निर्देशित किया कि वे स्वयं ऐसी सड़को का निरीक्षण करे तथा गुणवत्तापूर्ण मरम्मत करायें, मरम्मत कार्य की फोटो पत्रावली में रखें। उन्होने जिला समन्वयको को भी निर्देशित किया कि सक्रिय रहकर जलजीवन मिशन के कार्य को समय से पूर्ण करायें। बैठक का संचालन संयुक्त विकास आयुक्त पद्मकान्त शुक्ल ने किया। इसमें अधीक्षण अभियन्ता जलनिगम सौरभ कुमार, अधिशासी अभियन्ता संजय जायसवाल, कार्यदायी संस्था मेघा वीएसए, जैक्शन के प्रतिनिधिगण, जिला समन्वयक उपस्थित रहें।