पूरे प्रदेश मे ग्राम समितियां कागजों पर कार्यरत

 कागज पर ही है ग्राम पंचायत की गठित समितियां

जौनपुर।
 जिले के ग्राम पंचायतों में बेहतर कार्य व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए जंहा पहली बार खुली बैठक की जाती है, और उसमें 6 समितियों का गठन सदस्य ग्राम पंचायतों को मिलाकर किया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि ग्राम पंचायत स्तर पर गठित समितियां सिर्फ पंचायत घर की दीवारों पर ही लिख दी जाती है। जिससे वह केवल दीवारों की ही शोभा बढ़ा रही है। वहीं ग्राम पंचायत स्तर पर निर्वाचित सदस्य भी अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे है। जिनको  कभी कभार हस्ताक्षर करने का गौरव हासिल होता है। जिससे ग्राम पंचायत स्तर के सदस्य ग्राम पंचायत का पद केवल नाम का ही पद रह गया है।
  अधिकारी से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर निर्माण कार्य समिति, शिक्षासमिति, प्रशासनिक समिति, स्वास्थ्यएंव परिवार कल्याण समिति, जल प्रबंधन समिति, नियोजन एंव विकास समितियों का गठन किया जाता है। जिसमें जल प्रबंधन, निर्माण, स्वास्थ्य नियोजन समितियों को अध्यक्ष सदस्य ग्राम पंचायत को बनाया जाता है। जिनके चयन में उस समय काफी गहमा गहमी भी होती है। विडम्बना इस बात की है कि इन समितियों का गठन केवल कागजों पर ही गठन के बाद सीमित रह जाता है। जो ग्राम पंचायत स्तर पर सक्रिय नही रहती है। चाहे ग्राम पंचायत स्तर पर नालियों की सफाई न हो या फिर महीनों इण्डिया मार्काटू हैण्डपम्प खराब पड़े है। इन समितियों का कोई लेना देना नही रहता है। 
कभी कछ वर्ष पूर्व यही समितियां ग्राम प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाती थी, लेकिन वर्तमान में अब यह व्यवस्था नही हैं। जिससे यह समितियां गठित कर सिर्फ कागजी कोरम को ही पूरा किया जा रहा है।  कई  ग्राम पंचायत के सदस्यों से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि बस एक बार खुली बैठक में समितियों के गठन के समय हस्ताक्षर हुआ था । इसके बाद कई साल बीत जाने के बाद भी कभी ग्राम पचायत को हस्ताक्षर की जरूरत नही पडी । एक सदस्य ग्राम पंचायत का कहना है किसदस्य ग्राम पंचायतों की न तो बैठक की जाती है और न ही उनको दायित्वों व अधिकारों का प्रशिक्षण दिया जाता है। जिससे ग्राम पंचायत स्तर पर यह सक्रिय नही है क्योंकि प्रधान व सचिवों द्वारा मनमाफिक सदस्यों को ही तरजीह दी जाती है।  
 

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