बस्ती/नई दिल्ली
गुजरात हाईकोर्ट से निराश होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज सुप्रीम न्यायालय में पहुंचे वहां पहुंचकर उन्होंने न्यायालय के समक्ष जो अपनी दलील प्रस्तुत किए उन्होंने कहा मेरा 8 वर्ष का अमूल्य समय बर्बाद हो जाएगा और भाई नाथ के लोगों ने जो मुझे चुन कर भेजा है उनके साथ बड़ा धोखा होगा इसलिए मिला मुझे क्षमा करें
राहुल गांधी ने याचिका में क्या कहां
राहुल गांधी ने अपनी याचिका में कहा कि अगर हाई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो ये लोकतांत्रिक संस्थानों को व्यवस्थित तरीके से, बार-बार कमजोर करेगा और इसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र का दम घुट जाएगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा. कांग्रेस नेता ने शिकायतकर्ता के दावे को खारिज किया कि उनके भाषण ने मोदी उपनाम वाले लोगों को बदनाम किया है.
"वायनाड के लोगों का होगा नुकसान"
उन्होंने कहा कि वह एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और मानहानि के मामूली आधार पर उन्हें सजा देने से निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को संसद में आवाज उठाने और देश के लोकतांत्रिक शासन में भाग लेने से रोका गया. उन्होंने कहा कि दोषसिद्धि और सजा पर रोक नहीं लगाने से वायनाड निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को महीनों तक प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से अपूरणीय क्षति होगी.
सूरत की कोर्ट ने सुनाई थी 2 साल की सजा
राहुल गांधी को इस केस में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बीती 23 मार्च को दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी. दरअसल, राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है. इस टिप्पणी को लेकर गुजरात के बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था.
संसद की सदस्यता से हुए अयोग्य
कोर्ट से सजा मिलने के बाद राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. वे 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल की वायनाड सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के तहत, किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया और दो साल की सजा पाने वाला व्यक्ति सजा की अवधि और उसके बाद छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य रहेगा.