गोरखपुर में योग करती प्रतिमाओं को कौन कर रहा खण्डित?


गोरखपुर।21 जून उत्तर प्रदेश


 

गत 21 जून को विश्व योग दिवस पर योग करके निरोग ऐश्वर्यवान होने का संकल्प हम सभी ने लिया । वही गोरखपुर के रेलवे स्टेशन की शोभा सौंदर्य दृष्टि को पूर्ण करने के उद्देश्य से लगी योग मुद्रा के मूर्तियों को भी खंडित करने का विकृत मानसिकता का  कार्य हो गया । योग के विभिन्न मुद्रा से प्रेरित मूर्तियां आने जाने वाले यात्रियों , सैलानियो  और शहरवासियों के आकर्षण का केंद्र है । 

अभी  हाल में ही 12 मूर्तियों की श्रृंखला में दो मूर्तियों का सिर काट कर या तोड़ कर विकृत कर दिया गया और किसी को कोई जानकारी नहीं हुई । सीसी कैमरे से लैस रेलवे स्टेशन और शहर की व्यवस्था में लगे पुलिस और प्रशासन को अभी तक कोई जानकारी नहीं है ।इस तरह का कार्य मुख्यमंत्री के शहर में हो गया। जिस बहुउद्देशीय योजना और कार्यदायी संस्था ने इन मूर्तियों को संभालने की जिम्मेदारी ली है वे भी कुंभकरण निद्रा में है । कोई तो आगे आए शहर की आस्था और विश्वास को जोड़े रखने वाले योग प्रतिमाओं की सुधि ले । और जिस भी व्यक्ति ने इस कार्य को किया उसे दंडित करे ।24 घण्टे व्यस्त गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर कोई विकृत मानसिकता वाले विकृत मना वाले के खिलाफ कोई कार्यवाही न होना भी आलस्य व् उपालम्भ

दोनों ही कम है आखिर किसने और क्यों योगिब्के शांत शहर को अशांत काने का कुप्रयास किया और वह आज तक अभय है।

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