बस्ती/बाराबंकी 27 जून उत्तरप्रदेश
बताते है पारिजात दैवीय पौध है, समुद्र मन्थन से निकल5 पारिजात 14 अमूल्य धरोहरों में एक है।पारिजातक सूरा धनवन्त्रिश्च चन्द्रमागांव:काम दुधा---/!
विश्व में दैवीय पारिजात केवक बाराबंकी से दूर राम नगर ब्लाक पर अवस्थित पारिजात का विल्लप विश्व में कहिं भी नही है।आज उसी दुर्लभ प्रजाति के टहनियों पर स्वर्णाभ पुष्प चर्चा व् चमत्कार का विषय बना हुआ है।
बाराबंकी मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर तहसील सिरौलीगौसपुर के बरौलिया गांव में स्थित महाभारत कालीन पौराणिक देववृक्ष पारिजात इस वक्त पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. ये ऐतहासिक धरोहर पारिजात वृक्ष कई वर्षों बाद अपने सुंदर स्वरूप में दिखाई दे रहा है. करीब चार माह के पतझड़ के बाद पहले इस वृक्ष में हरी-भरी पत्तियां आईं और अब इस पेड़ में सैकड़ों की संख्या में स्वर्ण आभा वाले सुन्दर पुष्प निकले हैं, जोकि पर्यटकों को मोहित कर
इन पुष्पों की खुशबू से पूरा पारिजात परिसर सुगंधित बना हुआ है. जिसको देखने के लिए दूर-दूर से रोज हजारों की संख्या में पहुँच रहे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. यहां आने वाले सभी पर्यटक इन सुंदर पुष्पों के साथ खूब सेल्फी भी ले रहे हैं. लोग पुष्प को अपने साथ ले जाने का जतन भी कर रहे हैं. यहां के लोगों का कहना है कि पारिजात वृक्ष के पुष्प को रखने से मन में शांति एवं धन की प्राप्ति होती है. जिसके लिए लोग इस सुंदर पुष्प को ले जाने के लिए व्याकुल रहते है
मान्यता है यह पुष्पसमुद्र मन्थन से निकला पौध व् पुष्प है और शुभ भी माना जाता है।