बस्ती,उत्तरपर्देश
मुख्य विकास अधिकारी से समूहों की गड़बड़ी की स
शिकायत
प की शिकायत, सदस्यों की सहमति के बगैर निकाली जा रही धनराशि
वशिष्ठ स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष की मनमानी, सीडीओ से शिकायत
बस्ती, 16 जून। कप्तानगंज विकास क्षेत्र की बढ़नी गांव निवासी मीना देवी ने मुख्य विकास अधिकारी को शिकायती पत्र देकर स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष श्रीमती अंशिका द्वारा गड़बड़ी किये जाने का आरोप लगाया है। मीना देवी ने मुख्य विकास अधिकारी को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि समूह की अध्यक्ष अंशिका मिश्रा सदस्यों की सहमति के बगैर कई बार खाते से धन आहरित कर चुकी हैं।
स्वयं उनका भी फर्जी हस्ताक्षर करके धन का लगातार आहरण किया जा रहा है। इस बावत खण्ड विकास अधिकारी से की गई शिकायत बेनतीजा रही है। मीना देवी ने बैंक खाते की डिटेल के साथ मुख्य विकास अधिकारी डा. राजेश कुमार प्रजापति से शिकायत की है। आरोप यह भी है कि अंशिका मिश्रा कई बार उन्हे मारने पीटने की धमकी भी दे चुकी है। मीना देवी ने मुख्य विकास अधिकारी ने समय रहते मामले में ठोस कार्यवाही की मांग किया है। आरोपों के संदर्भ में श्रीमती अंशिका मिश्रा से मो.न. 8881549805 पर बात की गई तो उन्होने कहा सारे आरोप निराधार हैं, बैठक में सदस्यों की सहमति से ही पैसों की निकासी होती है।
वशिष्ठ स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष की मनमानी, सीडीओ से शिकायत
बस्ती, 16 जून। कप्तानगंज विकास क्षेत्र की बढ़नी गांव निवासी मीना देवी ने मुख्य विकास अधिकारी को शिकायती पत्र देकर स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष श्रीमती अंशिका द्वारा गड़बड़ी किये जाने का आरोप लगाया है। मीना देवी ने मुख्य विकास अधिकारी को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि समूह की अध्यक्ष अंशिका मिश्रा सदस्यों की सहमति के बगैर कई बार खाते से धन आहरित कर चुकी हैं।
स्वयं उनका भी फर्जी हस्ताक्षर करके धन का लगातार आहरण किया जा रहा है। इस बावत खण्ड विकास अधिकारी से की गई शिकायत बेनतीजा रही है। मीना देवी ने बैंक खाते की डिटेल के साथ मुख्य विकास अधिकारी डा. राजेश कुमार प्रजापति से शिकायत की है। आरोप यह भी है कि अंशिका मिश्रा कई बार उन्हे मारने पीटने की धमकी भी दे चुकी है। मीना देवी ने मुख्य विकास अधिकारी ने समय रहते मामले में ठोस कार्यवाही की मांग किया है। आरोपों के संदर्भ में श्रीमती अंशिका मिश्रा से मो.न. 8881549805 पर बात की गई तो उन्होने कहा सारे आरोप निराधार हैं, बैठक में सदस्यों की सहमति से ही पैसों की निकासी होती है।