मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक निर्णय से पूरे देश में विश्वास पैदा कर दिया कि वह धर्मनिरपेक्षता की शुतुरमुर्गी अंधकार से भारत को बचा सकते हैं। देश आजाद होने से पहले1947 में कांग्रेस नेतृत्व की क्लीवता और मलेक्ष्छ अचार-विचार और व्यवहार की कंटीले चुभन से मुक्ति के लिये भारत का बहुत बड़ा जनमानस इसे स्वीकार कर लिया। उससे भी बड़ा दुर्भगय यह कि भारत का विभाजन करने वाली कांग्रेस ने स्वतंत्रत भारत में हिंदुओं को कभी आत्मगौरव की अनुभूति नहीं होने दिया। यह योगा-योग है या सनातन पूर्वजों की तपस्या भारत के सबसे बड़े राजनैतिक सामर्थ्य वाले राज्य को योगी आदित्यनाथ जैसा मुख्यमंत्री मिला। चैत्र नवरात्रि के पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के द्वारा यह निर्णय लेना कि यूपी सरकार नवरात्रि में राज्य के प्रत्येक जिले में शक्तिपीठों, देवी मंदिरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ श्रीदुर्गा सप्तशती का पाठ और राम नवमी के अवसर पर श्रीरामचरितमानस का पाठ करायेगी।अपने दृढ़ संकल्पों के कारण योगी ने पहले कार्यकाल में ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में फलाहारी का कार्यक्रम आयोजित कर ढंके की चोट पर अपना मंतव्य घोषित कर दिया था।इसके पहले मुख्यमंत्री के सरकारी आवास राजकोष से होने वाली अफ्तारियों के लिये जाने जाते थे। योगी ने सबसे पहले कुंभ की विराटता को जाना उसके बाद बिना विलंब किये उनकी सरकार ने 2019 में निर्णय लिया कि हम प्रयागराज में होने वाले इस अर्द्ध कुंभ को भव्य कुंभ बनायेंगे। अपने भगीरथ संकल्प से प्रयागराज में आयोजित भव्य कुंभ की सफलता का पूरी दुनिया ने स्वीकार किया। अयोध्या में सरयू तट पर दीपोत्सव, गोवर्धन की परिक्रमा की भव्यता-दिव्यता, विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी कॉरिडोर, वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, श्रीरामजन्मभूमि के साथ श्रीकृणजन्मभूमि की भव्यता को साकार स्वरूप दिया। अपने कार्यकाल के कुछ ही समय में उन्होंने प्रदेश भर के शक्तिपीठों, मठों-मंदिरों सांस्कृतिक-धार्मिक महत्व के स्थानों तक अपनी सीधी पैठ बना लिया। जन-मन में अपने धार्मिक स्थलों के गौरव को जगाने में सफल हो गये तब तीर्थ क्षत्रों, धार्मिक स्थलों से आगे बढ़ कर जिलों-जिलों सांस्कृतिक और धार्मिक गौरव करने का सफल योजना को धरातल पर उतारा दिया।
22 मार्च से 30 मार्च तक चैत्र नवरात्रि हैं। प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि मंडल और जिलों में शहर समेत तहसील के प्रमुख देवी मन्दिरों एवं शक्तिपीठों पर प्रशासन सांस्कृतिक आयोजन, दुर्गा सप्तशती एवं अखण्ड रामायण पाठ कराएगा। इस कार्यक्रम के लिए जिले, तहसील स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिये गये हैं। प्रमुख सचिव संस्कृति ने सभी जिलों, तहसीलों में जहां कार्यक्रम आयोजित होगे वहां चैत्र नवरात्रि में महिलाओं एवं बालिकाओं की सहभागिता सुनिश्चित कराते हुए देवी मन्दिरों एवं शक्तिपीठों में सम्पूर्ण अवधि में दुर्गा सप्तशती का पाठ, देवी गायन एवं देवी जागरण के कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही 29 व 30 मार्च अष्टमी व श्रीराम नवमी के अवसर पर प्रमुख शक्तिपीठ मन्दिरों में अखण्ड रामायण पाठ कराने के निर्देश दिये हैं।बता दें कि आज ही जिलों में इसके लिये तहसील एवं विकासखण्ड स्तर पर समितियों का गठन करने के लिए कह दिया गया है।
सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को हर स्तर पर बनाये गये नोडल अधिकारी द्वारा अपने क्षेत्र में प्रमुख देवी मन्दिरों, शक्तिपीठों का चयन करते हुए मन्दिर का पता, फोटो, जीपीएस लोकेशन और मन्दिर प्रबन्धक का सम्पर्क नम्बर, कलाकारों का नाम, पता व मोबाइल नम्बर की जानकारी आयोजन की पूर्व संध्या 21 मार्च तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं।