भूमाफियाओं से भूमि मुक्त कराने की गोहार, अन्यथा आंदोलन

 


सामाजिक कार्यकर्ता चन्द्रमणि पाण्डेय ‘सुदामा’ ने ज्ञापन देकर दिया धरने की चेतावनी


बस्ती। 
सामाजिक कार्यकर्ता चन्द्रमणि पाण्डेय ‘सुदामा’ ने शुक्रवार को जिलाधिकारी को सम्बोधित पत्र उनके प्रशासनिक अधिकारी को  देकर कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में ग्रामसभा संग्रामपुर के नाम दर्ज बीस बीघे जमीन से भूमाफियाओं का कब्जा समाप्त कर वहां जनकल्याण की योजना स्थापित कराया जाय। उन्होने चेतावनी दिया कि यदि प्रभावी कार्रवाई न हुई तो वे 16 मार्च से अनशन पर बैठने को बाध्य होंगे।
पत्र में सुदामा पाण्डेय ने कहा है कि उनके गांव में पूर्व में उनके ही खानदान के ईश्वरी पाण्डेय रहते थे जिनका कोई वैध वारिस नहीं था किन्तु उनकी सेवा व क्रिया-कर्म नरेन्द्र प्रसाद पाण्डेय व लालमणि पाण्डेय द्वारा किया गया था। ईश्वरी की मृत्यु उपरांत पांच पुस्त से अधिक होने के चलते नरेन्द्र व लालमणि को उनकी सम्पत्ति का लाभ नहीं मिला जबकि जमीन की लालच में सामने आये अन्य फर्जी दावेदारों के दावों को कैंसिल करते हुए सीओआर सम्पूर्ण  सिंह ने 30/07/83 को उक्त जमीन ग्रामसभा के पक्ष में दर्ज करने का आदेश दिया। किन्तु कूटरचित साक्ष्यों के आधार पर रामप्यारे पुत्र रामसिहिट ने अपने आपको भांजा बताते हुए तत्कालीन ग्रामप्रधान रामसरन यादव का बयान अपने पक्ष में कराते हुए 2/05/86 को एसओसी का फैसला अपने पक्ष में कराते हुए खतौनी अपने नाम कराकर उक्त जमीन बेचना शुरू कर दिया। उनके पिता ने गांव के अन्य लोगों के सहयोग से 28/01/93 को  डीडीसी बस्ती के यहां से व हाईकोर्ट से ईश्वरी की जमीन पुनः ग्रामसभा के पक्ष में फैसला लाते हुए खतौनी में उक्त जमीन ग्रामसभा के पक्ष में करा दिया है।इसके बाद भी ईश्वरी की बीस बीघा ग्रामसभा के नाम दर्ज हो चुकी जमीन का  अधिकांश हिस्सा  बार बार  सक्षम अधिकारियों से शिकायत के बाद भी भवन निर्माण व कृषि कार्य हेतु फर्जी बैनामा धारकों द्वारा कब्जा कर लिया गया है ।
उन्होने मांग किया  उक्त जमीन से फर्जी कब्जा दखल समाप्त कराते हुए जमीन का प्रयोग समाजहित में सार्वजनिक उपक्रम स्थापित कराया जाये या निःशुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सालय स्थापना व जनहित के अन्य कार्यों हेतु उनकी रजिस्टर्ड संस्था श्यामा देवी जनकल्याण समिति को लीज पर उपलब्ध करायें उपजिलाधिकारी ने प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए लेखपाल सहित अन्य राजस्व कर्मियों को  नजरी नक्शा प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए बताया कि शीघ्र उक्त जमीन को औद्योगिक प्रयोजन हेतु अधिग्रहीत कर लिया जाएगा किन्तु आज तक जहां किसी का कब्जा समाप्त नहीं कराया वहीं लोगों में चर्चा है कि वर्तमान प्रधान प्रेमचन्द यादव पुत्र रामसरन उक्त जमीन को उन्हीं लोगों को पट्टा करने की योजना बना रहे हैं।  बड़ा सवाल जमीन देना हो तो मृतक के सेवा संस्कार करने वालों को दें अथवा  सबके हित में उपक्रम स्थापित हो प्रधान या अधिकारी सिर्फ जमीन पट्टा करना ही जानते हैं जो प्रधान उक्त जमीन के हक में कभी न्याय हेतु लडे नहीं अपितु उनके पिता प्रधान रहते हुए ग्राम सभा के विरुद्ध बयान देने का कार्य कर चुके हैं उन्हें इसका नैतिक अधिकार कितना उचित होगा।ऐसे लोगों के विरुद्ध तो कार्यवाही होनी चाहिए।
उन्होने पत्र में कहा है कि यदि कोर्ट के आदेश के बाद भी फर्जी बनामा धारकों का कब्जा दखल समाप्त नहीं कराया

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form