बस्ती 31 अक्टूॅबर 2022
डेंगू बुखार का उपचार सम्भव है, बुखार से पीड़ित व्यक्ति तत्काल जॉच कराकर अपना इलाज शुरू कराये। उक्त अपील मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आर.पी. मिश्रा ने जनपदवासियों से किया है। उन्होने बताया कि डेंगू बुखार से बचाव के लिए आवश्यक है कि एडीज मच्छर को पनपने से रोका जाय। उन्होने कहा है कि एडीज मच्छर केवल पानी मंे पैदा होता है, जैसे-नाली, गड्ढा, रूमकूलर्स, टूटी बोतल, टायर, डिब्बा आदि, जिसका तत्काल सफाई करा दें। उन्होने अपील किया है कि आस-पास यदि मच्छर अधिक हो गये हो, तो दवा छिड़काव के लिए ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामसचिव तथा नगरीय क्षेत्र में नगरपालिका में सूचना दें।
उन्होने अपील किया है कि यदि क्षेत्र में बुखार के मरीज अधिक हो गये हो तो स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्र पर तत्काल सूचित करे। उन्होने कहा कि एडीज मच्छर दिन में भी काट सकते है, इसलिए इनसे बचाव के लिए आवश्यक सावधानी बरतें। यदि डेंगू रोग से ग्रसित कोई रोगी है तो उसे मच्छरदानी के भीतर ही रखें। इस उपाय से अन्य व्यक्तियों को डेंगू बुखार से बचाव हो सकेंगा।
उन्होने अपील किया है कि घर से आसपास सफाई रखें, कूड़ा करकट ईधर-उधर न फेंके, जंगली झाड़िया व घास साफ कर दें। घर के आसपास पानी एकत्र ना होने दें। पूरी आस्तीन के कपड़े पहने ताकि शरीर का अधिक से अधिक भाग ढका रहें। घर के अन्दर सप्ताह में एक बार मच्छरनाशक दवाई का छिड़काव कर दें। छिड़काव करते समय मुॅह एवं नाक पर कपड़ा बाधे तथा खाने-पीने के सामान को ढक कर रखंे। उन्होने बताया है कि रूमकूलर तथा पानी की टंकी की नियमित सफाई करें, इसको ढंक कर रखे ताकि मच्छर प्रवेश ना करें।
उन्होने बताया कि डेंगू का प्रमुख लक्षण ठंड लगने के साथ तेज बुखार, सिर, मांसपेशी, गले में तथा जोड़ो में दर्द, आखों में दर्द, अत्यधिक कमजोरी, मुॅह में स्वाद का खराब होना है। इसके साथ ही शरीर पर लाल चकत्ते निकल सकते है। साधारण डेंगू बुखार 5 से 7 दिन तक रहता है और रोगी ठीक हो जाता है। डेंगू हमरेजिक बुखार सामान्य बुखार की तरह है तथा इसका उपचार एवं देखभाल घर पर किया जा सकता है। डेंगू शॉक, सिन्ड्रोम में शॉक के लक्षण होते है। रोगी बेचैन हो जाता है, तेज बुखार के बावजूद त्वचा ठंडी रहती है तथा वह धीरे-धीरे होश खोने लगता है। तीनों ही अवस्था में तत्काल चिकित्सक से सलाह करके उपचार करना चाहिए।
सीएमओ ने बताया कि जिले में कुल 44 डेंगू रोगी सूचित किए गये है। इस बुखार से अभी तक किसी की मृत्यु नही हुयी है। दो मरीज जिनकी मृत्यु हुयी है, उसमें से एक लखनऊ तथा एक गोण्डा में हुयी है। उन्होने बताया कि 44 में से 35 मरीजो का स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा सत्यापन कर दिया गया है। उन्होने बताया कि डेंगू प्रभावित विक्रमजोत ब्लाक के सुकरौली गॉव में सुरक्षात्मक उपाय जैसे-फॉगिंग, एण्टीलार्वा छिड़काव, पायरथीरम स्प्रेे, ब्लड जॉच के लिए नमूने एकत्रीकरण का कार्य कराया जा रहा है।