मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।
आयुष एडमिशन घोटाले में यूपी एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां एक साथ कुल 12 लोग गिरफ्तार किए गये। इसमें आयुर्वेद कॉलेज के पूर्व डायरेक्टर एसएन सिंह, काउंसलिंग के नोडल ऑफिसर उमाकांत यादव, निजी कंपनी वी3 सॉल्युशंस के कुलदीप सिंह समेत कुल 12 लोग गिरफ्तार हुए हैं। वी3 के साथ आयुष कॉलेजों के एडमिशन में काम करने वाली दो अन्य एजेंसियों के पांच कर्मी भी अरेस्ट हुए हैं। एसटीएफ को शुरुआती जांच में आयुर्वेद निदेशालय से ही गड़बड़ी के सुबूत मिले हैं। मामला नेट 2021 की परीक्षा से जुड़ा है, जिसमें बड़े स्तर पर धांधली हुई थी।इस परीक्षा में कम मेरिट के 891 छात्रों को उत्तर प्रदेश के आयुर्वेदिक होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेज में एडमिशन दिया गया था। सर्वाधिक गड़बड़ी आयुर्वेदिक कॉलेज में एडमिशन में सामने आई थी। बड़ी बात ये थी कि मेरिट में कम नंबर पाने वाले छात्रों को अच्छे कॉलेजों में एडमिशन दे दिया गया।
बताया जा रहा है कि बड़े पैमाने पर पैसा लेकर अपात्र छात्रों को एडमिशन देने केइस मामले में आयुर्वेद होम्योपैथी और यूनानी निदेशालय के अफसर व कर्मचारी जांच के दायरे में हैं। इस मामले में डायरेक्टर आयुर्वेद एसएन सिंह ने हजरतगंज कोतवाली में काउंसलिंग कराने वाली नोडल एजेंसी उपट्रान पावर्ट्रॉनिक्स पर एफआईआर दर्ज करवाई थी और मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी। आरोप लगा था कि सीटों की बड़े स्तर पर सौदेबाजी हुई, पांच से लेकर दस लाख रुपये में सीटें बेच दी गईं। मामले ने तूल भी तब पकड़ा जब रैंक मिलने के बावजूद कई छात्रों को एडमिशन नहीं मिला। उन छात्रों ने आयुष मंत्रालय से लेकर राष्ट्रपति भवन तक इस मामले को उठाया, शिकायत की गई। जब बवाल ज्यादा बढ़ा तब इस मामले में सरकार हरकत में आई और सीबीआई जांच की सिफारिश की गई।