मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।
राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले कि जेल में पिछले 1 महीने में 26 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जेल में कैंप लगाकर जांच की गई, जिसमें ये खुलासा हुआ। स्वास्थ्य विभाग ने जेल प्रशासन को पत्र लिखकर इन संक्रमित कैदियों को इलाज लखनऊ के एआरटी सेंटर से करवाने के लिए कहा है। जल्द ही स्वास्थ्य विभाग जेल में एक और कैंप लगाने जा रहा है जिसमें महिला कैदियों की भी जांच की जाएगी।
यह जानकारी बाराबंकी के जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विनोद कुमार दोहरे ने दी। उन्होंने बताया कि जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों में टीबी और एचआईवी जांच के लिए हर वर्ष स्क्रीनिंग की जाती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम जेल जाकर जांच करती है। इस वर्ष अलग-अलग तिथियों में 3 कैंप लगाए गये। पहला कैंप 3 से 10 अगस्त तक आयोजित किया गया। जिसमें 1,282 जांच की गई। इस दौरान 10 कैदियों की एचआईवी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। दूसरा कैंप 17 अगस्त को लगाया गया, जिसमें 17 कैदियों की जांच की गयी। इसमें ज्यादातर कैदी ड्रग्स एडिक्ट थे। साथ ही 5 कैदियों की रिपोर्ट एचआईवी मिली। विभाग ने एक बार फिर 1 सितंबर को तीसरा कैंप लगाकर 168 कैदियों की जांच की, जिसमें 11 कैदियों की रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव आई है। इतनी बड़ी संख्या में एचआईवी पॉजिटिव कैदी मिलने से उत्तर प्रदेश के जेल और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
जब इस संदर्भ में शासन के जिम्मेदारों को दी गयी कि बाराबंकी के जिला क्षय रोग अधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ. विनोद कुमार दोहरे ने कारगार प्रशासन को पत्र लिखकर सभी एचआईवी संक्रमित कैदियों को लखनऊ के एआरटी (ऐंटी रिट्रोविराल थिरैपी) सेंटर से लिंक कराकर तत्काल इलाज शुरू कराने को कहा है तो उत्तर मिला की इसका तत्काल क्रियान्वयन किया जायेगा। उत्तर प्रदेश के अन्य जेलों में बंदियों की अब बृहत जांच की जायेगी।