धनन्जय सिह सहित तीन का प्रार्थना पत्र निरस्त

 



जौनपुर ।
 अपर सत्र न्यायाधीश   ने छह नवंबर 2017 को खुटहन ब्लाक मुख्यालय पर हुई हिसक झड़प के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, एमएलसी बृजेश सिंह प्रिसू व नवीन सिंह का आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है। आरोपितों के विरुद्ध लूट, हत्या के प्रयास, आगजनी व अन्य धाराओं में आरोप तय करने के लिए कोर्ट ने 31 मार्च की तिथि नियत की है। प्रतापगढ़ के तत्कालीन अपना दल (एस) के सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह, शाहगंज के तत्कालीन एमएलए शैलेंद्र यादव ललई, एमएलसी बृजेश सिंह प्रिसू समेत 35 के विरुद्ध छह नवंबर 2017 को एफआइआर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि खुटहन की ब्लाक प्रमुख सरजू देवी यादव के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर सुबह 11 बजे खुटहन ब्लाक परिसर में चर्चा होनी थी। वह अपनी बहू नीलम सिंह के साथ वहां जा रहे थे। ब्लाक मुख्यालय के पास जौकाबाद गांव में आरोपित चार-पांच सौ लोगों के साथ उनके वाहन के सामने आ गए। ललई के ललकारने पर धनंजय, प्रिसू व नवीन सिंह ने जान से मारने की नीयत से उन पर गोलियां चलाने लगे। वह जान बचाने के लिए वाहन में छिप गए। आरोपितों ने वाहन क्षतिग्रस्त कर दिया। वह दूसरे वाहन से ब्लाक की तरफ भागे। दूसरे वाहन पर भी आरोपितों ने अंधाधुंध गोलियां चलाई। मौके पर छूटे क्षतिग्रस्त वाहन में आग लगा दी, जिससे करीब 16 लाख का नुकसान हुआ। अन्य वाहन भी क्षतिग्रस्त कर दिए। क्षेत्र पंचायत सदस्यों को भी अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से रोकने के लिए आतंकित कर वाहनों से खींचने लगे। कुछ महिला सदस्यों के गले से सोने की चेन व कान की बालियां लूट लीं। कई लोगों को चोटें आईं। पुलिस विवेचना कर चार्जशीट दाखिल की। 21 आरोपितों का आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र पहले ही निरस्त हो चुका है। धनंजय व अन्य आरोपितों का कहना था कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण रंजिशन फर्जी प्राथमिकी दर्ज कराई गई। घटनास्थल से खोखा कारतूस भी बरामद नहीं हुआ। इस तरह की कोई घटना घटी ही नहीं थी। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपितों का आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।

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