सपा ने योगी को गोरखपुर में घेरा, पूर्व उपाध्यक्ष उपेंद्र शुक्ल की पत्नी सुभावती शुक्ल होंगी योगी के सामने सपा प्रत्याशी!
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को तोड़ कर जश्न में डूबी भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सपा ने तगड़ा झटका दिया है। जोड़तोड़ की राजनीति में समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर तगड़ा पलटवार किया है। गोरखपुर क्षेत्र की राजनीति के ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष रह चुके स्व. उपेंद्र दत्त शुक्ला की पत्नी सुभावती शुक्ला को सपा ने अपने खेमे में शामिल कर लिया है।रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का बेहद करीबी यह परिवार गुरुवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर अखिलेश यादव से मुलाकात करके सपाई हो गया। यह तय माना जा रहा है कि स्वर्गीय उपेन्द्र शुक्ल की पत्नी सुभावती शुक्ला ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सपा की प्रत्याशी होंगी।औपचारिक घोषणा कभी भी हो सकती है।
भाजपा संगठन के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले उपेंद्र दत्त शुक्ला गोरखपुर, बस्ती और आजमगढ़ मंडल में पार्टी का ब्राह्मण चेहरा थे। पार्टी में लंबे समय तक संगठन की सेवा करने वाले उपेंद्र दत्त शुक्ला विभिन्न पदों पर भी रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब उत्तर प्रदेश की राजनीति में आ गये तब उनके लोकसभा सदस्यता से त्यागपत्र दिये जाने के बाद भाजपा ने उपेन्द्र शुक्ल को लोकसभा के उपचुनाव में गोरखपुर से प्रत्याशी बनाया। लेकिन पार्टी नेताओं के भितरघात के कारण वह सपा और निषाद पार्टी के संयुक्त प्रत्याशी प्रवीण निषाद से हार गये थे। कौड़ीराम विधानसभा सीट से भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वह चुनाव हार गए।
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर सदर लोकसभा सीट पर 2018 में हुए उपचुनाव में भाजपा ने उन्हें एक बार फिर प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस बार भी उपेंद्र शुक्ला सपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद से पराजित हो गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परंपरागत सीट से भाजपा की हार के बाद उपेंद्र शुक्ला सक्रिय राजनीति से दूर होते गए। इस बीच डेढ़ साल पहले उपेंद्र शुक्ला की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई थी।
उपेन्द्र शुक्ला की पत्नी के सपा में शामिल होने की खबर मिलते ही भाजपा खेमे में हलचल मच गई। भाजपा कार्यकर्ता एक दूसरे को फोन कर इस खबर की पुष्टि करने में लगे रहे। उपेन्द्र शुक्ला भाजपा कार्यकर्ताओं में खासे लोकप्रिय थे। उनकी पत्नी लगातार अपने फेसबुक पेज पर भाजपा नेतृव से टिकट की गुहार लगा रही थीं। जिसे भाजपा नेतृत्व ने अनसुना कर दिया था। वर्तमान सांसद रविकिशन बाहरी के साथ स्थानीय ब्राह्मणों में वह स्थान कभी नहीं बना पाये जो तेज तर्रार उपेंद्र शुक्ल की थी।