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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।
उत्तर प्रदेश की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का पेपर लीक का तार मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले के अरोपी से जुड़ गया है। एसटीएफ ने बुधवार को आलमबाग के पास से इस मामले में आरोपी डॉ. संतोष चौरसिया को गिरफ्तार किया। डॉ. संतोष व्यापम घोटाले का आरोपी है। संतोष ने कुबूल किया कि उसने 20 लाख रुपये में पेपर लीक कराने का सौदा किया था। एटीएफ ने उससे पूछताछ के बाद जेल भेज दिया है।एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक पेपर लीक मामले में आगरा के बाह का रहने वाला डॉ. संतोष चौरसिया लखनऊ के आलमबाग से गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में सामने आया कि वह मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले में जेल जा चुका है। इस मामले में उसके साथ बांदा का निवासी विकास दीक्षित भी जेल गया था।
संतोष ने कुबूला कि विकास के जरिए उसकी मुलाकात फरवरी 2021 में प्रयागराज के रहने वाले राहुल मिश्रा व अनुराग शर्मा से हुई थी। जो नोएडा में रहता है। राहुल मिश्रा पेपर लीक कराने का काम करता है। उसका संबंध जौनपुर के वेदीराम के भाई मनीराम से हैं। पूछताछ में सामने आया कि राहुल मिश्रा से टीईटी पेपर के संबंध में बातचीत फार्म भरे जाने के समय से ही हुई थी। उसने बताया था कि ऐसी संस्था को टीईटी परीक्षा का काम दिया जा रहा है। जहां से पेपर लीक हो जाएगा।
इसके बाद अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में वह लखनऊ आया, जहां राहुल मिश्रा से टीईटी परीक्षा का पेपर देने की बात हुई। संतोष के मुताबिक राहुल मिश्रा को उसने लखनऊ में 3 लाख रूपये दिये। उसके बाद प्रयागराज चला गया। जहां रोशन पटेल से टीईटी पेपर लेने के संबंध में बात करने के बाद दिल्ली चला गया था। संतोष ने पूछताछ में बताया कि 26 नवंबर को नोएडा से लखनऊ पहुंचा। 27 को रोशन पटेल से 8 बजे रात को मुलाकात हुई। उसी दिन मेरी बात राहुल मिश्रा से हुई तो उसने 40 लाख रुपये में पेपर देने के लिए कहा था लेकिन मैंने मना कर दिया। इसके बाद बातचीत के दौरान सौदा 20 लाख रुपये में तय हो गया। राहुल ने रात 11.30 बजे पेपर को सोशल मीडिया साइट व्हाट्सएप पर भेज दिया। इसके बाद रोशन से बात कर 12 बजे मैंने पेपर भेज दिया। रोशन से पांच लाख रुपये में पेपर का सौदा किया था। इसके अलावा करीब 3 से 4 अपने अन्य करीबी लोगों को भी पेपर भेजा था। जिससे मुझे करीब 10 लाख रुपये मिले थे।
पेपर लीक होने की जानकारी होने पर अपना मोबाइल तोड़कर कर लखनऊ से भाग गया था। इस दौरान फरीदाबाद, नैनीताल, इंदौर व इटावा में घूमता रहा। इस दौरान दर्जनों सिम व मोबाइल का प्रयोग किया। एसटीएफ के अधिकारी आरोपी संतोष के करीब एक दर्जन से अधिक बैंक खातों के बारे में जानकारी हासिल कर डिटेल निकलवा रही है।
मध्य प्रदेश में भी दर्ज हैं मुकदमें
एसटीएफ के डिप्टी एसपी लालप्रताप सिंह के मुताबिक आरोपी संतोष चौरसिया के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कौशांबी में मुकदमा तो दर्ज ही है। उसके खिलाफ मध्य प्रदेश के ग्वालियर व इंदौर जिले में भी जालसाजी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, परीक्षा अधिनियम, साजिश रचने जैसे संगीन धाराओं में 6 मुकदमें दर्ज हैं। इसमें पांच ग्वालियर के झांसी रोड थाने में और एक इंदौर के चंदरनगर में दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक संतोष ने फर्जी तरीके से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी।