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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।
बाराबंकी की अदालत में वर्चुअल पेशी के दौरान माफिया विधायक मुख्तार अंसारी ने बांदा जेल में अपनी हत्या की आशंका जताई। एम्बुलेंस के फर्जी पते पर रजिस्ट्रेशन के मामले में हो रही वर्चुअल सुनवाई को दौरान मुख्तार ने न्यायाधीश के सामने ही कहा कि उसकी हत्या के लिए कैदियों को पांच करोड़ का आफर दिया जा रहा है। पीठासीन अधिकारी के सामने मुख्तार ने 5 करोड़ की सुपारी देने व साजिश में जेल पुलिस के शामिल होने का आरोप लगाते हुए सीसीटीवी फुटेज व गेट बुक तलब करने की मांग की है।
पंजाब की जेल से मोहाली कोर्ट में मुख्तार अंसारी एम्बुलेंस से गया था। उक्त एम्बुलेंस बाराबंकी के पते पर पंजीकृत थी। इसे लेकर हड़कम्प मचा तो फिर बाराबंकी जिला प्रशासन द्वारा पूरे मामले की जांच की गई। इस दौरान पाया गया कि मऊ की डा.अलका राय के नाम पर बाराबंकी की एक वोटर आईडी फर्जी बनाकर उक्त एम्बुलेंस का पंजीकरण कराया गया था। इसे लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मुकदमे में एसपी ने सख्त रुख अपनाया और रजिस्ट्रेशन कराने वाली डॉ अलका राय समेत मुख्तार के कई गुर्गों को जेल भेज दिया है।
फर्जी पते पर एम्बुलेंस पंजीकृत कराने के मामले में सोमवार को बाराबंकी के एमपी-एमएलए कोर्ट की प्रभारी न्यायाधीश मौसमी मधेशिया की कोर्ट में मुख्तार अंसारी की वर्चुअल पेशी थी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन के मुताबिक बांदा जेल में निरुद्ध मुख्तार अंसारी ने पेशी के दौरान कहा है कि जेल के अंदर पुलिस के साथ कई संदिग्ध लोगों की आवाजाही बढ़ी है। इन लोगों की गेट बुक में एंट्री भी नहीं की जाती है। यही नहीं ऐसे लोगों के आते-जाते समय कैमरा घुमा दिया जाता है। ऐसे लोगों से मुख्तार ने जान का खतरा बताया है।
अधिवक्ता सुमन के मुताबिक मुख्तार ने पेशी के दौरान यह भी कहा है कि उन्हें पता चला है कि उनकी हत्या के लिए पांच करोड़ रुपए की सुपारी दी गई है। सुपारी देने वाले ने कहा है कि हत्या के बदले पांच करोड़ परिवार को दिया जाएगा और उसके मुकदमें भी खत्म कर दिए जाएंगे। इसे लेकर मुख्तार ने कोर्ट से मांग की है कि जेल की गेट बुक व सीसीटीवी फुटेज को तलब कर उसकी जांच की जाए। मुख्तार ने कोर्ट से की गई प्रार्थना को एक पत्र के रूप में देते हुए अपनी सुरक्षा की मांग की है। कोर्ट ने सारी बाते सुनने के बाद सुनवाई की अगली तिथि 27 अगस्त नियत की है।