मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।
बहुचर्चित थप्पड़बाज लड़की के मामले में ओला कैब ड्राइवर से घूस लेने में कृष्णानगर कोतवाली के दो पुलिस अफसर आपस में भिड़ गए हैं। दोनों ने एक दूसरे पर घूसखोरी का आरोप लगाया है। थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महेश दुबे ने कहा कि उनकी गैर मौजूदगी में भोलाखेड़ा के चौकी इंचार्ज हरेंद्र यादव ने कैब ड्राइवर से गाड़ी छोड़ने की एवज में रुपए लिए थे। इसकी रिपोर्ट भी कमिश्नर को सौंपी जा चुकी है।जबकि चौकी इंचार्ज का कहना है कि इंस्पेक्टर खुद को बचाने के लिए मुझे झूठा फंसा रहे हैं।
इस संदर्भ में कृष्णानगर इंस्पेक्टर महेश दुबे का कहना है कि 30 जुलाई की घटना वाली रात को मैं ईको गार्डन धरनास्थल पर ड्यूटी पर था। एसीपी साहब की कॉल आई कि कोई ब्लैक एसयूवी कार कोतवाली में खड़ी की गई है। गाड़ी पर मजिस्ट्रेट लिखा है। कार एटा एसडीएम की है। जफर नाम का आदमी पहुंच रहा है। उसे गाड़ी दे दो। चूंकि वह कोतवाली में नहीं थे। इसलिए भोलाखेड़ा चौकी प्रभारी हरेंद्र यादव को फोन करके गाड़ी छोड़ने को कहा। बाद में कोतवाली आने पर पता चला कि पीड़ित शहादत अली की कैब भी आई थी, जिसे गेट से छोड़ दिया गया। लेकिन एसयूवी छोड़ने के एवज में हरेंद्र यादव ने रुपए लिए थे। घटना 30 जुलाई की है। जब लखनऊ में कृष्णानगर में बीच सड़क एक लड़की ने कैब ड्राइवर को बुरी तरह से पीटा था। इसी ड्राइवर से पुलिस ने 10 हजार रुपए की घूस भी ली थी।
दरोगा हरेंद्र यादव के मुताबिक घटनास्थल उसके चौकी क्षेत्र में था, इसलिए वह कैब के साथ चालक शहादत अली और उसकी पिटाई करने वाली लड़की प्रियदर्शिनी नारायण को कोतवाली लाया गया था। देर रात सआदत को तलाश करते हुए उसके भाई इनायत और दाऊद एसयूवी से कोतवाली पहुंचे। दोनों को भी कोतवाली में बैठा लिया गया। कैब और एसयूवी को भी कब्जे में ले लिया गया। इस बीच एक वायरल वीडियो में कैब ड्राइवर को 20 से अधिक बार थप्पड़ मारने व डैशबोर्ड से 600 रुपये उठाने के आरोप में एक लड़की पर डकैती के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। चालक शहादत ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि महिला ने बिना किसी गलती के उसे सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारा, उसका फोन तोड़ दिया और कॉलर से पकड़ लिया।
इस संदर्भ में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब स्वीकार कर लें के उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार शिर चढ़ कर बोल रहा है। प्रदेश की राजधानी में घूसखोरी को लेकर इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज आपस में खुलेआम भीड़ रहे हैं। मीडिया पूरे मामले को प्रमुखता से उठाया है। 17 अगस्त से चले वाले विधानसभा सत्र में सदन में पूछूंगा कि क्या यही रामराज है। दिन -दहाड़े हत्या, डकैती, दुराचार योगीराज का ब्रांड बन गया है। कोई सुरक्षित नहीं है।