बस्ती ।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल के नेतृत्व में संघ पदाधिकारियों ने सोमवार को शिक्षक, कर्मचारी, शिक्षा मित्र, अनुदेशक, रसोईयां आदि की समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव बेसिक, महानिदेशक स्कूल शिक्षा को 11 सूत्रीय एवं स्थानीय समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को 16 सूत्रीय ज्ञापन देकर शिक्षक समस्याओं के समाधान का आग्रह किया। ज्ञापन देते हुये संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का प्रभावी ढंग से निराकरण कराया जाय। मांग किया केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर शिक्षकों, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कराया जाय क्योंकि 62 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद शिक्षक, कर्मचारियों के जीवन का आधार पेंशन ही बचता है। इसके अभाव में वे मानसिक प्रताड़ना के शिकार हो जाते है। मांगे न मानी गई तो शिक्षक, कर्मचारी अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले वृहद आन्दोलन को बाध्य होंगे।
मुख्यमंत्री को भेजे 11 सूत्रीय ज्ञापन में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने, कोरोना से मृतक शिक्षकों, कर्मचारियों के परिजनों को आर्थिक सहायता दिये जाने, मृत शिक्षकों के आश्रितों को तृतीय श्रेणी में नियुक्ति करने, परिषदीय शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार कराकर पदोन्नति करने, शिक्षा मित्र एवं अनुदेशकों का मानदेय 35 हजार करने, शिक्षकों का जनपद स्तरीय स्थानान्तरण करने, 17140 एवं 18150 का आदेश जारी करने, 69000 भर्ती में नियुक्त शिक्षकों का बकाया वेतन नोटरी बयानहल्फी पर करने, विद्यालयों में कार्यरत रसोईयों का मानदेय 11 हजार करने, एमडीएम डाटा फीडिंग से अध्यापकों को मुक्त करने, एवं जिलाधिकारी तथा बीएसए को भेजे 16 सूत्रीय ज्ञापन मे एमडीएम डाटा फीडिंग एवं 24 जुलाई को आकस्मिक जांच के आधार पर रोके गये शिक्षकों का वेतन भुगतान मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर कराये जाने, काया कल्प के तहत अधूरे कार्यो को पूर्ण कराने, स्वच्छ जल हेतु लगाये गये समरसेबुल पम्प को ठीक कराने, एमडीएम में बच्चों को कम भेजे जाने वाले राशन की मात्रा सही कराने, असमाजिक तत्वों द्वारा विद्यालयों में चोरी आदि के घटनाओं की प्राथमिकी दर्ज कराकर प्रभावी कार्रवाई किये जाने, नयी पेंशन योजना के तहत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के प्रान नम्बर एलाट कराने में होेने वाली दलाली बंद कराकर जनपद स्तर से कार्यक्रम बनवाकर कार्यालय से प्रान फार्म भेजकर सभी शिक्षकों कर्मचारयों से फार्म भरवाकर प्रान नम्बर एलाट कराने, नव नियुक्त 95 शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन एवं पुलिस वेरीफिकेशन शीघ्र कराकर वेतन भुगतान कराने,
परिषदीय विद्यालयों में बाउन्ड्रीवाल, टायलीकरण, मिट्टी भराई एवं मरम्मत आदि का कार्य वरीयता क्रम से कराये जाने, 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों के अनियमित बीमा कटौती बंद कराये जाने, प्रत्येक माह बीआरसी पर प्रधानाध्यापकों की बैठक कराये जाने, शिक्षकों एवं सभी कर्मचारियों का वेतन, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, रसोईयों का मानदेय 1 तारीख को उनके खातों में भुगतान कराये जाने, सविर्स बुक एवं वेतन सम्बन्धरी कार्य लेखाकर एवं कम्प्यूटर आपरेटर के अतिरिक्त किसी अन्य से न कराये जाने, वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय एवं खण्ड शिक्षाधिकारी कार्यालयों में दलाली करने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही किये जाने आदि की मांग शामिल है।
ज्ञापन सौंपने वालों में अखिलेश मिश्र, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, अभय सिंह यादव, विजय प्रकाश चौधरी, शैल शुक्ल, इन्द्रसेन मिश्र, सन्तोष शुक्ल, रामभरत वर्मा, उमाशंकर मणि त्रिपाठी, चन्द्रभान चौरसिया, विजय वर्मा, नरेन्द्र दूबे, बब्बन पाण्डेय, राहुल उपाध्याय, कृष्ण बहादुर पाल, उधम सिंह, मारूफ खान, राघवेन्द्र पाण्डेय, सचिन शुक्ल, विष्णुदत्त शुक्ल, रवि प्रताप सिंह, ओम प्रकाश पाण्डेय आदि शामिल रहे।
मुख्यमंत्री को भेजे 11 सूत्रीय ज्ञापन में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने, कोरोना से मृतक शिक्षकों, कर्मचारियों के परिजनों को आर्थिक सहायता दिये जाने, मृत शिक्षकों के आश्रितों को तृतीय श्रेणी में नियुक्ति करने, परिषदीय शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार कराकर पदोन्नति करने, शिक्षा मित्र एवं अनुदेशकों का मानदेय 35 हजार करने, शिक्षकों का जनपद स्तरीय स्थानान्तरण करने, 17140 एवं 18150 का आदेश जारी करने, 69000 भर्ती में नियुक्त शिक्षकों का बकाया वेतन नोटरी बयानहल्फी पर करने, विद्यालयों में कार्यरत रसोईयों का मानदेय 11 हजार करने, एमडीएम डाटा फीडिंग से अध्यापकों को मुक्त करने, एवं जिलाधिकारी तथा बीएसए को भेजे 16 सूत्रीय ज्ञापन मे एमडीएम डाटा फीडिंग एवं 24 जुलाई को आकस्मिक जांच के आधार पर रोके गये शिक्षकों का वेतन भुगतान मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर कराये जाने, काया कल्प के तहत अधूरे कार्यो को पूर्ण कराने, स्वच्छ जल हेतु लगाये गये समरसेबुल पम्प को ठीक कराने, एमडीएम में बच्चों को कम भेजे जाने वाले राशन की मात्रा सही कराने, असमाजिक तत्वों द्वारा विद्यालयों में चोरी आदि के घटनाओं की प्राथमिकी दर्ज कराकर प्रभावी कार्रवाई किये जाने, नयी पेंशन योजना के तहत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के प्रान नम्बर एलाट कराने में होेने वाली दलाली बंद कराकर जनपद स्तर से कार्यक्रम बनवाकर कार्यालय से प्रान फार्म भेजकर सभी शिक्षकों कर्मचारयों से फार्म भरवाकर प्रान नम्बर एलाट कराने, नव नियुक्त 95 शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन एवं पुलिस वेरीफिकेशन शीघ्र कराकर वेतन भुगतान कराने,
परिषदीय विद्यालयों में बाउन्ड्रीवाल, टायलीकरण, मिट्टी भराई एवं मरम्मत आदि का कार्य वरीयता क्रम से कराये जाने, 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों के अनियमित बीमा कटौती बंद कराये जाने, प्रत्येक माह बीआरसी पर प्रधानाध्यापकों की बैठक कराये जाने, शिक्षकों एवं सभी कर्मचारियों का वेतन, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, रसोईयों का मानदेय 1 तारीख को उनके खातों में भुगतान कराये जाने, सविर्स बुक एवं वेतन सम्बन्धरी कार्य लेखाकर एवं कम्प्यूटर आपरेटर के अतिरिक्त किसी अन्य से न कराये जाने, वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय एवं खण्ड शिक्षाधिकारी कार्यालयों में दलाली करने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही किये जाने आदि की मांग शामिल है।
ज्ञापन सौंपने वालों में अखिलेश मिश्र, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, अभय सिंह यादव, विजय प्रकाश चौधरी, शैल शुक्ल, इन्द्रसेन मिश्र, सन्तोष शुक्ल, रामभरत वर्मा, उमाशंकर मणि त्रिपाठी, चन्द्रभान चौरसिया, विजय वर्मा, नरेन्द्र दूबे, बब्बन पाण्डेय, राहुल उपाध्याय, कृष्ण बहादुर पाल, उधम सिंह, मारूफ खान, राघवेन्द्र पाण्डेय, सचिन शुक्ल, विष्णुदत्त शुक्ल, रवि प्रताप सिंह, ओम प्रकाश पाण्डेय आदि शामिल रहे।