जुल्म, अत्याचार, मनमानी के सवाल पर गरजे समाजवादी
तहसील मुख्यालयोें पर प्रदर्शन कर राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
लोकतंत्र की मर्यादा से खिलवाड़ कर रहे हैं भाजपाई- महेन्द्रनाथ यादव
बस्ती । उत्तरप्रदेश15 जुलाई
गुरूवार को समाजवादी पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर बस्ती सदर, हर्रैया, भानपुर, रूधौली तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी एवं उप जिलाधिकारियोें के माध्यम से भेजा। समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव के नेतृत्व में बस्ती सदर तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया। सपा नेता न्याय मार्ग पर एकत्र हुये और सरकार विरोधी नारे लगाते हुये बस्ती सदर तहसील परिसर पहुंचे यहां चुनाव में मनमानी किये जाने व मूल्य वृद्धि किये जाने के सवाल पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
ज्ञापन सौंपते हुये सपा जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लाक प्रमुखों के चुनाव में जो गुण्डागर्दी और लोकतंत्र की हत्या भाजपा राज में हुई उसकी कोई कल्पना नहीं थी। प्रमुख पदों के नामांकन के समय विपक्ष के प्रत्याशी, प्रस्तावकों, समर्थकों, महिलाओं के साथ शर्मनाक घटना व अभद्रता और पूर्व विधानसभाध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के साथ धक्का मुक्की और उन्हें चोट पहुंचाने की कोशिश की गई। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव बेमानी साबित हुआ। भाजपा के लोग लोकतंत्र की मर्यादा से खिलवाड़ कर रहे हैं । समाजवादी पार्टी इसकी कड़े शव्दों में निन्दा करती है। कहा कि प्रदर्शन को विफल करने के लिये पुलिस प्रशासन ने बुधवार की रात्रि से ही पार्टी के अनेक पदाधिकरियों, कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया, उन्हें डराया धमकाया गया, पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
राज्यपाल को भेजे 16 सूत्रीय ज्ञापन में किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाये जाने, एम.एस.पी. की गारण्टी देने, गन्ने का 15 हजार करोड़ रूपये का बकाया भुगतान दिलाये जाने, किसानों के ऊपर थोपे गये काले कृषि कानूनों को वापस लेने, बढ़ती मंहगाई, डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस, खाद, कीटनाशक दवायें, कृषि यंत्र की मूल्य वृद्धि पर रोक लगाने, बेरोजगारों को रोजगार, ध्वस्त कानून व्यवस्था दुरूस्त करने, महिलाओं पर हो रहे जुल्म, अत्याचार, अपराध पर रोक लगाने, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मो. आजम खां और उनके परिवार पर दर्ज फर्जी मुकदमांे को वापस लेने, भाजपा सरकार द्वारा किये जा रहे संगठित अपराध को बंद कराने, स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर बनाकर भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, कोरोना काल में सरकार द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की जांच कराकर मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिये जाने, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में हुई धांधली व हिंसा की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करने, पत्रकारों पर हो रहे हमलों, हत्याओं पर रोक लगाने, दलित, अल्पसंख्यक वर्ग पर हो रहे अत्याचार को बंद किये जाने, पिछड़े वर्ग को अनुमन्य 27 प्रतिशत आरक्षण में कटौती बंद किये जाने आदि की मांग शामिल है।
ज्ञापन से पूर्व सपा नेता चन्द्रभूषण मिश्र, जावेद पिण्डारी, विजय विक्रम आर्य, वृजेश मिश्र, आर.डी. निषाद, इन्द्रावती शुक्ल, महेश तिवारी, अमरेन्द्र पाण्डेय शिबलू, शैलेन्द्र दूबे, रघुनन्दन साहू, सुरेन्द्र सिंह छोटे, चन्द्रिका यादव, अरविन्द सोनकर, रजनीश यादव, कुमकुम भारती आदि ने कहा कि भाजपा के शासन में मंहगाई चरम पर है और लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है। मतदाता इसका करारा जबाब देंगे।
बस्ती सदर तहसील में ज्ञापन सौंपते समय डा. फूलदेव यादव, मिथलेश पाण्डेय, मो. जावेद, अखिलेश यादव, अभिषेक उपाध्याय, जामवन्त यादव, रिन्टू यादव, कक्कू शुक्ल, अब्दुल मोईन, पिन्टू शुक्ल, वीरेन्द्र कुमार चौधरी, मुरली पाण्डेय, भोला पाण्डेय, प्रशान्त यादव, भोला यादव, शफीक अंसारी, मो. हारिश, सुशील यादव, मो. सलीम, रामवृक्ष यादव, जर्सी यादव, दीपक गोस्वामी, अमरनाथ वर्मा, कल्लू पाण्डेय, रामदीन यादव, रऊफ खान, रमेश चन्द्र गौतम, चन्द्रेश सोनी, अरविन्द यादव, अवधेश कुमार, बब्लू निषाद, अरविन्द चौधरी, नसीबुल्लाह, सैय्यद अली, कुलदीप सिंह के साथ ही सैकड़ों की संख्या में समाजवादी कार्यकर्ता पदाधिकारी शामिल रहे।
ज्ञापन सौंपते हुये सपा जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लाक प्रमुखों के चुनाव में जो गुण्डागर्दी और लोकतंत्र की हत्या भाजपा राज में हुई उसकी कोई कल्पना नहीं थी। प्रमुख पदों के नामांकन के समय विपक्ष के प्रत्याशी, प्रस्तावकों, समर्थकों, महिलाओं के साथ शर्मनाक घटना व अभद्रता और पूर्व विधानसभाध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के साथ धक्का मुक्की और उन्हें चोट पहुंचाने की कोशिश की गई। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव बेमानी साबित हुआ। भाजपा के लोग लोकतंत्र की मर्यादा से खिलवाड़ कर रहे हैं । समाजवादी पार्टी इसकी कड़े शव्दों में निन्दा करती है। कहा कि प्रदर्शन को विफल करने के लिये पुलिस प्रशासन ने बुधवार की रात्रि से ही पार्टी के अनेक पदाधिकरियों, कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया, उन्हें डराया धमकाया गया, पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
राज्यपाल को भेजे 16 सूत्रीय ज्ञापन में किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाये जाने, एम.एस.पी. की गारण्टी देने, गन्ने का 15 हजार करोड़ रूपये का बकाया भुगतान दिलाये जाने, किसानों के ऊपर थोपे गये काले कृषि कानूनों को वापस लेने, बढ़ती मंहगाई, डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस, खाद, कीटनाशक दवायें, कृषि यंत्र की मूल्य वृद्धि पर रोक लगाने, बेरोजगारों को रोजगार, ध्वस्त कानून व्यवस्था दुरूस्त करने, महिलाओं पर हो रहे जुल्म, अत्याचार, अपराध पर रोक लगाने, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मो. आजम खां और उनके परिवार पर दर्ज फर्जी मुकदमांे को वापस लेने, भाजपा सरकार द्वारा किये जा रहे संगठित अपराध को बंद कराने, स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर बनाकर भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, कोरोना काल में सरकार द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की जांच कराकर मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिये जाने, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में हुई धांधली व हिंसा की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करने, पत्रकारों पर हो रहे हमलों, हत्याओं पर रोक लगाने, दलित, अल्पसंख्यक वर्ग पर हो रहे अत्याचार को बंद किये जाने, पिछड़े वर्ग को अनुमन्य 27 प्रतिशत आरक्षण में कटौती बंद किये जाने आदि की मांग शामिल है।
ज्ञापन से पूर्व सपा नेता चन्द्रभूषण मिश्र, जावेद पिण्डारी, विजय विक्रम आर्य, वृजेश मिश्र, आर.डी. निषाद, इन्द्रावती शुक्ल, महेश तिवारी, अमरेन्द्र पाण्डेय शिबलू, शैलेन्द्र दूबे, रघुनन्दन साहू, सुरेन्द्र सिंह छोटे, चन्द्रिका यादव, अरविन्द सोनकर, रजनीश यादव, कुमकुम भारती आदि ने कहा कि भाजपा के शासन में मंहगाई चरम पर है और लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है। मतदाता इसका करारा जबाब देंगे।
बस्ती सदर तहसील में ज्ञापन सौंपते समय डा. फूलदेव यादव, मिथलेश पाण्डेय, मो. जावेद, अखिलेश यादव, अभिषेक उपाध्याय, जामवन्त यादव, रिन्टू यादव, कक्कू शुक्ल, अब्दुल मोईन, पिन्टू शुक्ल, वीरेन्द्र कुमार चौधरी, मुरली पाण्डेय, भोला पाण्डेय, प्रशान्त यादव, भोला यादव, शफीक अंसारी, मो. हारिश, सुशील यादव, मो. सलीम, रामवृक्ष यादव, जर्सी यादव, दीपक गोस्वामी, अमरनाथ वर्मा, कल्लू पाण्डेय, रामदीन यादव, रऊफ खान, रमेश चन्द्र गौतम, चन्द्रेश सोनी, अरविन्द यादव, अवधेश कुमार, बब्लू निषाद, अरविन्द चौधरी, नसीबुल्लाह, सैय्यद अली, कुलदीप सिंह के साथ ही सैकड़ों की संख्या में समाजवादी कार्यकर्ता पदाधिकारी शामिल रहे।