पत्रकारिता की शुचिता पर न आये आंच,प्रिंट मीडिया शाश्वत व चिरन्तन.दयाराम चौधरी विधायक

 



कोरोना के कहर ने समाज का चाल, चिन्तन, चेहरा बदल दिया
भारतीय बस्ती के स्थापना दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में विमर्श
भद्रसेन सिंह बंधु, पुनीत दत्त ओझा, आलोक मणि त्रिपाठी हरिश्चन्द्र अग्रवाल स्मृति सम्मान से सम्मानित
बस्ती  ,उत्तरप्रदेश
। कोरोना के कहर ने समाज का चाल, चिन्तन, चेहरा बदल दिया है। पत्रकारिता भी इससे अछूता नहीं है। इसके बावजूद समाचार पत्रों ने समाज को कठिन समय में साहस दिया। समाज में स्वस्थ पत्रकारिता की भूमिका सदैव प्रासंगिक रहेगी। यह विचार सदर विधायक दयाराम चौधरी ने मंगलवार को भारतीय बस्ती के 43 वें स्थापना दिवस पर आयोजित ‘ कोरोना काल में पत्रकारिता’ विषयक संगोष्ठी में व्यक्त किया।
भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष महेश शुक्ल ने कहा कि पत्रकारों ने संकट के समय समाज को दिशा दिया। नगर पालिका अध्यक्ष रूपम मिश्र ने कहा कि पत्रकारिता समाज का आइना बनें, उसे जन मानस का भरोसा जीतना होगा।
विषय प्रवर्तन करते हुये भारतीय बस्ती के सम्पादक दिनेश चन्द्र पाण्डेय ने पत्रकारिता के विभिन्न सन्दर्भो पर प्रकाश डालते हुये कहा कि समाज की गतिविधियां उसका सुख दुःख सदैव पत्रकारिता का विषय रहा है। वह अपने समाज की सच्चाईयों से मुख नहीं मोड़ सकता।
इस अवसर पर पूर्व सांसद अष्टभुजा शुक्ल ने हरिश्चन्द्र अग्रवाल स्मृति सम्मान से वरिष्ठ साहित्यकार भद्रसेन सिंह ‘बंधु’,  पत्रकार आलोक मणि त्रिपाठी और पुनीत दत्त ओझा को सम्मानित किया गया। हरिश्चन्द्र अग्रवाल के पुत्र संजय अग्रवाल ने अपने पिता के साथ बितायें क्षणों को साझा किया।


कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्रनाथ तिवारी ने पीत पत्रकारिता से समाज को बचाने, समाजवादी चिन्तक चन्द्रभूषण मिश्र ने पत्रकारिता की भूमिका पर प्रकाश डाला। इसी कड़ी में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिरूद्ध त्रिपाठी, पत्रकार जयन्त कुमार मिश्र, मजहर आजाद, डा. सत्यव्रत, सरदार जगवीर सिंह, विनोद उपाध्याय, प्रधानाचार्य योगेश शुक्ल, शिक्षक सर्वेष्ट मिश्र, भाजपा नेता गोपेश्वर त्रिपाठी के साथ ही कौशल पाण्डेय आदि ने कोरोना काल में पत्रकारिता के विविध पक्षों का गहन विवेचन किया। कवि रहमान अली रहमान ने  कोरोना पर केन्द्रित काव्य पाठ किया।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुये सेवा निवृत्त प्रधानाचार्य एवं वरिष्ठ साहित्यकार डा. रामनरेश सिंह मंजुल ने कहा कि शव्द ब्रम्ह है और पत्रकार को शव्द की साधना लोक कल्याण के लिये करना चाहिये। विपत्ति काल में समाज में संयम बना रहे यह युग धर्म है। आभार ज्ञापन सम्पादक दिनेश सिंह एवं संचालन प्रदीप चन्द्र पाण्डेय ने किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से डा. विजय प्रभाकर त्रिपाठी, दिवाकर मिश्र, अनुराग कुमार श्रीवास्तव,  आनन्द राजपाल, परसुराम शुक्ल, सूर्य कुमार शुक्ल, सन्तोष पाल, संदीप गोयल, दीन दयाल त्रिपाठी, अजय कुमार श्रीवास्तव, वैजनाथ मिश्र, डा. राजेन्द्र सिंह, वैभव पाण्डेय, नीतेश शर्मा रवि,, राजन पाण्डेय, लालचंद चौधरी, राम कुमार तिवारी, जगदीश शुक्ल, विजय प्रभाकर त्रिपाठी, प्रेमशंकर द्विवेदी, अनिल शुक्ल, अंकुर श्रीवास्तव, राघवेन्द मिश्र, ओम जी पाण्डेय, सुरेन्द्र नाथ द्विवेदी, सन्तोष त्रिपाठी, मनमोहन श्रीवास्तव ‘काजू’ वीरेन्द्र पाण्डेय, ऐश्वर्य मणि त्रिपाठी, , अनिल सिंह, एस.पी. श्रीवास्तव, अर्जुन  उपाध्याय,  अमर सोनी, अरशद महमूद, ब्रम्हदेव पाण्डेय, राजेश पाण्डेय, राकेश तिवारी, दिनेश कुमार पाण्डेय, शशिकान्त पाण्डेय, अतुल कुमार पाण्डेय, अयाज अहमद, राकेश चन्द्र श्रीवास्तव, सुभाष पाण्डेय,  वशिष्ठ पाण्डेय, दिलीप चन्द्र पाण्डेय, बलराम चौबे,  संजय उपाध्याय टीटू, अनिल कुमार पाण्डेय, कुलवेन्द्र सिंह मजहबी, राकेश चन्द्र श्रीवास्तव, बाल कृष्ण ओझा, दुर्गेश यादव, प्रवीण श्रीवास्तव, अयाज अहमद,  दिनेश मिश्र, मनोज सिंह, अनूप, राकेश, राहुल, वागार्थ, शेषमणि पाण्डेय, रमेश मिश्र, विकास पाठक, राज प्रकाश, अतुल पाण्डेय, सन्तोष शुक्ल, ओम प्रकाश पाण्डेय, वीरेन्द्र शुक्ल, रामचरन चौधरी,वीरेन्द्र गोस्वामी, विजय प्रकाश पाण्डेय, कपीश मिश्र,  जान पाण्डेय, जियाउर्रहमान, भानु प्रताप सिंह के साथ ही बड़ी संख्या में पत्रकार एवं विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक संगठनों के लोग शामिल रहे। 

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