योगिराज में प्रदेश की विकास की दशा दिशा बेहद अच्छी

 



गोरखपुर,उत्त्तरप्रदेश
 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद के तरकुलानी रेगुलेटर सहित मण्डल के 10 बाढ ़नियन्त्रण एवं जलनिकासी की परियोजनाओ का लोर्कापण किया। लोकार्पित होने वाले परियोजनाओ मे गोरखपुर की पांच ,महराजगंज की चार एवं देवरिया की एक परियोजना शामिल है  जिसकी कुल लागत रूपये 1925.46 लाख है।
इससे रेगुलेटर के बनने से 2838 हेक्टेयर कृषि भूमि भी इससे लाभान्वित होगी। तरकुलानी रेगुलेटर प्रोजेक्ट के तहत निर्मित पंपिंग स्टेशन में 11 अदद 30 क्यूसेक पंप, 3 अदद 10 क्यूसेक पंप, 5 अदद 625 केवीए डीजल जेनरेटर सेट, संक्शन टैंक की व्यवस्था है। इसके फीडर चैनल की लंबाई 280 मीटर है।  
 इसके अलावा मुख्यमंत्री जी ने गोरखपुर ग्रामीण एवं चैरी चैरा विधान सभा की 17242.18 लाख की लागत की 30 परियोजना का लोकार्पण एवं 3964.93 लाख की लागत की 15 परियोजनाओ का शिलान्यास किया। विकास कार्य की शिलान्यास एवं लोकार्पण की गयी परियोजना की कुल लागत 21207.11 लाख है।
इस अवसर पर मुख्यमत्री ने कहा कि तरकुलानी रेग्युलेटर 47 गांवों के लोगों के जीवन में नया बदलाव लेकर आया है। इन गांवों के खेतों को अब जल जमाव से मुक्ति मिलेगी। किसान अब साल में दो फसल काट सकेंगे। उन्होंने कहा कि 2009 से लोगों की मांग थी कि तरकुलानी रेग्युलेटर बनाया जाये 50,000 परिवारों के लिए यह बहुत आवश्यक है ताकि लोगों को बाढ़, जनधन की हानि और बीमारियों से बचाया जा सके तरकुलानी रेग्युलेटर आज से काम करना प्रारंभ कर दिया गया। इसकी क्षमता इतनी है कि अगर रामगढ़ ताल के पानी को बाहर करना होगा तो यह अधिकतम 1 घंटे में पूरे ताल के पानी को उड़ेल कर फेंक देगा।


मुख्यमत्री जी ने कहा कि यह तरकुलानी रेग्युलेटर केवल पंपिंग स्टेशन नहीं है, बल्कि इंसेफेलाइटिस व मस्तिष्क ज्वर जैसी बीमारियों की रोकथाम का एक माध्यम भी बनेगा। पंपिंग स्टेशन के प्रारंभ होने से जल जमाव की समस्या दूर होगी और खेती-बाड़ी भी बचेगी। उन्होने कहा कि दिसंबर तक प्रदेश में 50 हजार राजस्व गांवों तक पेयजल की व्यवस्था को स्वीकृति देकर कार्य प्रारंभ कर दिया जाए, जिससे हर घर नल की योजना को साकार किया जा सकेगा। उन्होने कहा कि हम लोग एक-एक घर तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं को लोकार्पित किया जा रहा है उसमें 10 सड़क परियोजनाएं भी हैं साथ ही चैरी-चैरा क्षेत्र में दो उपरिगामी सेतु का लोकार्पण भी किया जा रहा है। यह लोकार्पण कार्यक्रम हर एक व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाने का माध्यम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में फर्टिलाइजर कारखाना अक्टूबर तक तैयार हो जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से इस कारखाने के उद्घाटन संपन्न होगा। कारखाने से किसानों को खाद मिलेगी। नौजवानों को नौकरियां मिलेंगी, रोजगार की सुविधाएं उत्पन्न होंगी। उन्होंने आगे कहा कि अक्टूबर में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं वाले एम्स का भी प्रधानमंत्री मोदी के हाथों उद्घाटन किया जायेगा। गोरखपुर में विकास के नए प्रतिमानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जो रामगढ़ताल कभी अपराधियों का अड्डा होता था, अब पर्यटन केंद्र बन चुका है। अपनी सुंदरता में यह मुम्बई को भी फेल कर रहा हैै।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछले डेढ़ साल पूरी दुनिया के लिए बहुत खराब रहा। विश्व में न जाने कितने लोग कोरोना की चपेट में आए। हमनें कोरोना से जीवन के साथ जीविका को भी बचाया। कोरोना काल में भी विकास पर, नौजवानों के भविष्य पर आंच नहीं आने दी। मुख्यमत्री जी ने कोरोना से अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में देश सुरक्षित स्थिति में है। उन्होंने कहा कि 33 करोड़ की आबादी वाले विकसित देश अमेरिका में भारत की तुलना में दोगुनी मौतें हुईं। मुख्यमत्री जी ने कहा कि जीवन के साथ जीविका की रक्षा के लिए हमें जागरूकता के साथ आगे बढ़ना है। उन्होने कहा कि विकास के साथ साथ अपराधियो एवं माफियाओ पर कडी कार्यवाही भी की जा रही है। जिससे कानून व्यवस्था और बेहतर हो।
 इस अवसर पर लोगो को संबोधित करते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी उत्तर प्रदेश की दशा व दिशा बदलने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत, जल संरक्षण, पेयजल, सिंचाई आदि के क्षेत्र में उ0प्र0 बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। केंद्र के बाद उ0प्र0 देश का पहला ऐसा राज्य है जहां एकीकृत जलशक्ति मंत्रालय का गठन है। श्री शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में यूपी के बाँदा, चित्रकूट, महोबा आदि क्षेत्रों में हर घर नल से जल पहुंचाने का कार्य तीव्र गति से हो रहा है। दो साल में प्रदेश के हर घर में शुद्ध पेयजल मिलने लगेगा। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय की तरफ से सर्वाधिक 10400 करोड़ रुपये का बजट यूपी को दिया गया है, और जरूरत होगी तो उसे भी दिया जाएगा। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने बताया कि यूपी में सरयू, बाणगंगा, मध्यगंगा परियोजना तीन से चार माह में पूरी हो जाएंगी। इन परियोजनाओं से इस प्रदेश में 22 लाख हेक्टेयर नई सिंचित भूमि उपलब्ध होगी। उन्होने आगे  कहा कि बाढ़ राहत के कार्यों में स्थायित्व देकर उत्तर प्रदेश ने पूरे देश मे मिसाल कायम किया है। यह अन्य राज्यो के लिए प्रेरणास्रोत है। तरकुलानी रेगुलेटर पर बने पंपिंग स्टेशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमत्री जी ने इसके जरिये एक नई तकनीकी दी है। इस अनूठी परियोजना को देख उनका भरोसा जगा है कि इसे अपनाकर अन्य प्रदेश भी बाढ़ के पानी से खुद को प्रभावित होने से बचा सकते हैं।  
इस अवसर पर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से बदल रहा है। उन्होंने इस राज्य का मान, सम्मान व स्वाभिमान वापस कराया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश को बाढ़ से बचाया है। पहले बाढ़ से बचाव के कार्यों के लिए पैसा काफी विलम्ब सेें जारी होता था और काम भी विलम्ब से शुरू होता था। तब तक बाढ़ आ जाती थी। अब मुख्यमत्री जी पहलेें ही पैसा दे देते हैं और बाढ़ आने से काफी पहले काम पूरा हो जाता है। डॉ सिंह ने कहा कि वर्ष 2016 में यूपी में 543771 हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई थी, मुख्यमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन में हुए कार्यों से 2020-21 तक यह घटकर 6886 हेक्टेयर रह गई है। मुख्यमंत्री जी की देखरेख में बाढ़ बचाव की 170 परियोजनाओं का लोकार्पण व 246 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है। चार सालों में 25 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिली है। ऐसा अन्य किसी भी राज्य में नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि आज उ0प्र देश की हर योजना में नम्बर वन है ।
     इस अवसर पर गोरखपुर के सांसद रविकिशन शुक्ल, राज्यसभा सदस्य जयप्रकाश निषाद, विधायक बिपिन सिंह, विधायक संगीता यादव, पूर्व मंत्री राजेश त्रिपाठी, अपर मुख्य सचिव सिंचाई टी वेंकटेश, प्रमुख अभियंता सिंचाई अशोक सिंह, मण्डलायुक्त रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी के विजयेंन्द्र पाण्डियन, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता एवं विभिन्न जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारी गण उपस्थित रहे।




 

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