संतकबीरनगर,,उत्तरप्रदेश
कोविड – 19 संबंधित किसी भी आपात स्थिति के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार रहे। इन तैयारियों का निरन्तर जायजा भी लेते रहें। सभी उपकरण चालू हालत में होने चाहिए। आक्सीजन प्लाण्ट, कन्संट्रेटर व वेण्टीलेटर आदि का हमेशा निरीक्षण करते रहें। कहीं भी कोई खामी हो तो उसे तुरन्त दूर करने का काम करें। यह व्यवस्था सीएचसी व पीएचसी स्तर तक होनी चाहिए। बच्चों के लिए पीआईसीयू में आरक्षित बेड को सभी उपकरणों से लैस रखें। कारण यह है कि स्थिति को खराब होने में दो दिन भी नहीं लगते हैं। इसलिए सभी लोग अपनी तैयारी पूरी रखें।
यह बातें जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने जिला स्वास्थ्य समिति (डीएचएस) की बैठक के दौरान उपस्थित स्वास्थ्य अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहीं। उन्होने कहा कि कोविड की तीसरी लहर के लिए जो भी व्यवस्थाएं व ट्रेनिंग आदि होनी हैं उसे पूरी कर लें। साथ ही इसका पूर्वाभ्यास भी करते रहें। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के संबंध में आवश्यक तैयारियां भी पूरी कर लें और 20 से लेकर 29 अगस्त तक चलने वाले इस अभियान के लिए आवश्यक दवाएं आदि स्टोर कर लें। सम्बन्धित कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगा लें। सुरक्षित मातृत्व अभियान तथा प्रधानमन्त्री मातृ वन्दना योजना का संचालन बेहतर तरीके से कराएं। कोविड टीकाकरण के कार्य को पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाय। इसके साथ ही निरन्तर लोगों की कोविड जांच करते रहें। हर स्थिति पर नजर रखें।
इस दौरान सीएमओ डॉ. इन्द्र विजय विश्वकर्मा ने बताया कि पीडियाट्रिक आईसीयू में 12 बेड बच्चों के लिए आरक्षित किया गया है। सारे उपकरणों को चेक कर लिया गया है। सभी तैयार हालत में हैं। आक्सीजन प्लाण्ट की चेकिंग चल रही है। इसमें आपात स्थिति के लिए जनरेटर भी मंगा लिया गया है। वीएचएनडी पर सारी सुविधाओं को देखा जा रहा है। चेकिंग की जा रही है। डिजिटल वेईंग मशीन जहां पर नहीं है उसको शीघ्र ही दे दिया जाएगा।
इस दौरान जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. ओ. पी. चतुर्वेदी, एसीएमओ डॉ मोहन झा, एसीएमओ वेक्टर बार्न डिजीज डॉ. वी. पी. पाण्डेय, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एस रहमान, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मंडलीय प्रबंधक अरविन्द पाण्डेय , बीपीएम विनीत श्रीवास्त, बीसीपीएम संजीव सिंह, डिस्ट्रिक्ट एकाउण्ट मैनेजर दारा सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एस. डी. ओझा, सहायक मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार चौधरी के साथ ही साथ स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न प्रकोष्ठ के प्रमुख और पोषण विभाग से जुड़े अधिकारीगण उपस्थित रहे।
पार्टनर संस्थाओं ने दिया प्रस्तुतिकरण
बैठक के दौरान पार्टनर एजेंसी यूनिसेफ, यूपीटीएसयू ( उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई ) ने बाल स्वास्थ्य, होम बेस्ड न्यू बार्न केयर प्रोग्राम, आशा कार्यकर्ताओं की विजिट, जन्म के 28 दिन के अन्दर नवजात शिशुओं की मौत , लो बर्थ वेट, एसएन सीयू की व्यवस्थाओं के बारे में अपना डिजिटल डिमांस्ट्रेशन किया। टीकों के रख रखाव के बारे में भी जानकारी दी।
आशा कार्यकर्ताओं का भुगतान करें
इस दौरान जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं के सभी देयकों का समय से भुगतान करा दे। शहरी आशा कार्यकर्ताओं के डिजिटल सिस्टम से भुगतान किए जाने पर भी चर्चा की गई। उन्होने कहा कि आशा कार्यकर्ता हमारी सबसे छोटी इकाई है। इस इकाई को पूरी तरह से क्रियाशील करने के लिए हम सभी लोगों को ध्यान देना होगा। उनका कोई भी भुगतान बाकी नहीं रहना चाहिए। जो आशा कार्यकर्ता क्रियाशील नहीं हैं उनकी सूची भी तैयार करें।