मिल्कीपुर, अयोध्या।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज के कुलपति ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों के दायित्व एवं कार्यों में बड़ा फेरबदल कर दिया है। उन्होंने विश्वविद्यालय के निदेशक प्रशासन एवं परिवीक्षण का दायित्व संभाल रहे अधिष्ठाता पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय डॉ आरके जोशी को दायित्व मुक्त करते हुए विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी रहे डॉ एके सिंह को विश्वविद्यालय के निदेशक प्रशासन एवं परिवीक्षण का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया है। इसके अलावा विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार विश्वविद्यालय के सह प्राध्यापक उद्यान वानिकी महाविद्यालय डॉ अशोक कुमार को अतिरिक्त दायित्व निर्वहन की जिम्मेदारी सौंप दी है। बताते चलें कि कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज में तैनात दंपति डॉ आर के जोशी एवं उनकी पत्नी डॉ नमिता जोशी के पास विश्वविद्यालय के एक दर्जन से अधिक महत्वपूर्ण पदों का अतिरिक्त प्रभार था।
बीते 26 मार्च को कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विजेंद्र सिंह ने विश्ववद्यालय कर्मियों की ओर से उनका सफल 1 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में सम्मान समारोह आयोजित किया था जिसे संबोधित करते हुए कुलपति ने मौजूद कर्मियों को आश्वस्त किया था कि वर्तमान वर्ष विश्वविद्यालय के कर्मचारियों अधिकारियों की वेतन विसंगति सहित समस्याओं के निराकरण का वर्ष होगा। किंतु विश्वविद्यालय के निदेशक प्रशासन एवं परिवीक्षण रहे डॉ आरके जोशी के कारनामों के चलते विश्वविद्यालय के तमाम कर्मचारी अधिकारी विगत 5 वर्षों से वेतन विसंगति का दंश झेल रहे हैं और सैकड़ों कर्मचारियों को विगत कई माह से वेतन तक नहीं नसीब हो सका है। डॉ आरके जोशी के कृत्यों के चलते विश्वविद्यालय के कर्मियों में खासा रोष व्याप्त था और जिम्मेदार कर्मचारियों अधिकारियों ने मामले की शिकायत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विजेंद्र सिंह से भी की थी। यही नहीं तमाम कर्मियों ने मामले की शिकायत प्रदेश के राज्यपाल सहित कृषि मंत्री तक से कर डाली थी।
मामला विश्वविद्यालय के कुलपति के संज्ञान में आते ही उन्होंने अपनी त्यौरी चढ़ा ली। बीते 29 जून को कुलपति श्री सिंह ने विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय डॉ आर के जोशी के पास रहे प्रशासनिक अधिकारी सहित विश्वविद्यालय के निदेशक प्रशासन एवं परिवीक्षण का अतिरिक्त प्रभार वापस लिए जाने का आदेश दे दिया। जिस के क्रम में कुलपति के सचिव जसवंत सिंह ने इस आशय का आदेश निर्गत कर दिया है। जिसके बाद से विश्व विद्यालय कर्मियों में खुशी का माहौल छा गया है। विश्वविद्यालय कर्मियों ने कुलपति द्वारा लिए गए निर्णय की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि कुलपति महोदय को यह निर्णय बहुत पहले ले लेना चाहिए था। क्योंकि डॉ आर के जोशी द्वारा विश्वविद्यालय कर्मियों की समस्याओं एवं वेतन विसंगति के मामले में लगातार गुमराह किया जा रहा था। जिसके चलते कर्मचारियों में भी कुलपति के प्रति असंतोष व्याप्त होने लगा था।