विधवा को SDM ने दो बेटियों सहित घर से बाहर निकाला, महिला आयोग ने फिरसे वही बसाया!


अयोध्या पहुंची राज्य महिला आयोग की सदस्य इन्द्रवास सिंह के संज्ञान में आने से मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद पीड़ित महिला से मौके पर जाकर मिली और महिला को पुनः उस घर मे वापस रहने का आदेश दिया है. साथ ही एसडीएम ज्योति सिंह के खराब आचरण को देखते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही किये जाने की बात कही है. हालांकि पीड़ित महिला के देवर आशीष घर बंद कर परिवार के साथ गायब है. मामला नगर कोतवाली के विवेकानंद पूरी कॉलोनी का है.

देवर के परिवार के साथ रह रही थी महिला 
अयोध्या की कोतवाली नगर देवकाली चौकी क्षेत्र के विवेकानंद पुरी कॉलोनी में शिप्रा शुक्ला अपने पति के मरने के बाद अपने देवर आशीष के परिवार के साथ नए बने घर में विगत 3 सालों से रह रही थी. यह घर पैतृक घर को बेचकर मिले रुपयों और देवर आशीष द्वारा लिए बैंक कर्ज से बनाया गया था. पैतृक संपत्ति के बिकने पर कोई बटवारा ना होने के कारण महिला अपने देवर के परिवार के साथ नए घर में रह रही थी.


हालांकि यह घर देवर के नाम रजिस्टर्ड था. लेकिन, पैतृक घर के बिकने का कोई बटवारा नहीं हुआ था. देवर आशीष के मन में भाभी शिप्रा शुक्ल को बेदखल करने की योजना थी. आशीष ने पुलिस अधिकारियों और एसडीएम सदर ज्योति सिंह के साथ मिलकर कल देर शाम शिप्रा शुक्ला को उनकी दो बेटी के साथ पूरे सामान को घर से बाहर कर दिया और घर में ताला लगा दिया

SDM पर फोन कर अभ्रद्र टिप्पणी का आरोप 
 घर को खाली कराने के लिए पीड़ित शिप्रा को एसडीएम सदर ज्योति सिंह ने फोन पर धमकाया भी था जिसका ऑडियो वायरल हो गया पीड़ित शिप्रा का आरोप है कि पैतृक घर के बिकने के बाद कोई बंटवारा नहीं हुआ और यह नया मकान बनाया गया. हालांकि मकान देवर आशीष के नाम दर्ज है. लेकिन पैतृक घर के बिकने से मिला रुपये लगने की वजह से उसका भी हिस्सा इसमे है. महिला का आरोप है कि महिला होते हुए एसडीएम ज्योति सिंह ने उसको घर खाली कराने के लिए फोन पर अभद्र टिप्पणी की और धमकाया भी. ऐसे में अभी वह घर से बाहर है तो जाए कहां.


महिला आयोग की सदस्य ने दिया घर वापसी का आदेश 
पीड़ित विधवा शिप्रा शुक्ल की हालात की जानकारी आज सुबह अयोध्या पहुंची राज्य महिला आयोग की सदस्य इन्द्रवास सिंह को हुई तो वह खुद मौके पर गई और पीड़ित महिला से मुलाकात किया. मौके पर एसडीएम सदर ज्योति सिंह को और पुलिस के अधिकारियों को बुलवाया और महिला को पुनः उसके घर में वापसी का आदेश दिया.राज्य महिला आयोग की सदस्य इंद्रावास सिंह ने एसडीएम ज्योति सिंह की प्रशासनिक अधिकारी के रूप में आचरण को गलत बताया और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाने की बात कहीं.

क्या बोली SDM ज्योति सिंह?
वहीं इस पूरे प्रकरण में अपने को फंसते देख एसडीएम ज्योति सिंह ने महिला को बेदखल किए जाने की घटना में कानूनी कार्रवाई नहीं किए जाने की गलती स्वीकार किया और अपने ऊपर लगे अन्य आरोपों को नकारा है. एसडीएम ज्योति सिंह का कहना है कि थाने पर पति पत्नी ने महिला को घर से निकाले जाने की एक प्रार्थना पत्र दिया था जिसमें कहा गया था , उनकी भाभी उनके घर पर जबरन कब्जा करने की नियत से रह रही है. जिसपर वह मौके पर गई थी. महिला ने खुद से अपना सामान घर से बाहर निकाला था. उनका सिर्फ कानून व्यवस्था को ठीक रखने का कार्य था इसके अलावा कोई इंटरेस्ट नहीं था.


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