पिता बेटी का सबसे अच्छा हितेषी व संरक्षक माना जाता है.जब वही रिश्ते को कलंकित करने लगे तब अन्य रिस्तो को क्या नाम दिया जाय!
एक दुष्कर्मी पिता काे इटारसी कोर्ट ने मृत्यु होने तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। पिता ने मायके आई विवाहित पुत्री के साथ आधी रात को उस समय ज्यादती की जब वह अपने दो बच्चों के साथ सो रही थी। पिता ने उसे धमकाया जिससे वह चुप रही। अगले दिन पीड़िता ने भाई और मां के साथ थाने जाकर दुष्कर्मी पिता की शिकायत की। यह केस कोर्ट में चला। गुरुवार को एडीजे दीपक बंसल ने फैसला सुनाया। आरोपी पर बेटी के साथ रेप करने का अपराध साबित होने पर 58 वर्षीय गणेश चौरे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उसे एक हजार रुपए का अर्थदंड भी दिया गया।
समाज को शर्मसार कर देने वाली यह घटना इटारसी के नजदीक एक गांव में 7 जून 2015 की थी। पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि जब वह 16-17 साल की थी तब से पिता उस पर बुरी नीयत रखता था। पिता की हरकत के बारे में मां और दादी को बताया था लेकिन उन्होंने घर की इज्जत पर आंच आने के डर से बेटी को चुप करवा दिया था। पिता ने बेटी को उसकी शादी के बाद भी नहीं छेड़ा। वह उसकी ससुराल जाकर भी अकेले में बेटी से छेड़छाड़ करता था। बेटी ने कोर्ट में कहा कि पिता मेरी ससुराल में आकर बिस्तर पर बैठते और मेरा हाथ पकड़ लेते थे। इसका मैं विरोध करती थी।
दुष्कर्म का मामला उस समय थाने पहुंचा जब बेटी एक माह से मायके में थी। सात जून 15की रात लगभग ढाई बजे अपने दो छोटे बच्चों के साथ सो रही थी। उसी समय पिता ने मौका देखकर दुष्कर्म किया। और यह कहकर धमकाया कि किसी को बताया तो जान से मार देगा। अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने बताया कि कोर्ट ने आरोपी पिता को रेप की धारा 376 (2) च के तहत उम्रकैद की सजा दी। थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
इस फैसले की सर्वत्र सराहना होरही है.