अलीगढ़
समाज मे अभिजात्यवर्ग के लोग भी जब पाशविक आचरण करते है तब जीवन स्तवध होजाता है.सारी सम्वेदनाएँ मर जसरी है और मर जस्ता है यह समाज. जीसने कलक्टर कप्तान बनाकर सबसे जिमेदार ओहदा दिया है.आखिर एक लड़की का क्या दोष है कि उसे लड़की ही क्यो हो रही है.सामान्य सिद्धान्त है लड़का,लड़की पुरुष के जिन पर निर्भर करता है,लड़की पर नही.एअसे असभ्य,सम्वेदन हीन आई ए यस से तो भगवान ही बचाये!
गुजरात कैडर के एक आईएएस अधिकारी पर उनकी पत्नी ने मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगी है। आईएएस के खिलाफ दुष्कर्म सहित कई मामलों में मुकदमा दर्ज है। अधिकारी निलंबित भी हो चुके हैं।
अलीगढ़ जिले की निवासी एक महिला का आरोप है कि आईएएस से फेसबुक के जरिये उनकी दोस्ती हुई थी। वर्ष 2017 में उन्होंने फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। डॉक्टर होने के नाते उनकी फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली, क्योंकि वह भी मेडिकल स्टूडेंट थीं।
इसके बाद 13 अक्तूबर 2017 मैसेंजर से बातचीत शुरू हुई। बातचीत का सिलसिला चलता रहा। बातचीत के दौरान आईएएस ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया, जिसे नजरअंदाज कर दिया। इसी बीच आईएएस के शादीशुदा होने की बात पता चली। जब उनसे पूछा तो उन्होंने इनकार कर दिया।
काफी जिद करने के बाद उन्होंने शादी की बात स्वीकार कर ली और कहा कि जल्द ही पत्नी को तलाक दे देंगे, क्योंकि पत्नी से उनके रिश्ते काफी खराब हो चुके हैं।
बातचीत करने के लिए बुलाया होटल
महिला ने आरोप लगाया कि एक दिन आरोपी ने आमने-सामने बात करने के लिए उन्हें होटल संग्रीला दिल्ली बुलाया। यहां फिर से उसने शादी का प्रस्ताव रख दिया। इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, क्योंकि उनके जीवन में तमाम परेशानियां भी चल रही थीं। यह बात भी उन्हें बताई। फिर भी वह शादी की जिद पर अड़े थे।
पहली पत्नी से तलाक का कागज दिखाया, जो गुजराती भाषा में था। इसी दौरान उन्हें कोल्ड ड्रिंक में कुछ नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया जिससे वह बेहोश हो गईं। जब वह होश में आईं तो पता चला कि आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद वीडियो बना लिया है।
इसके बाद धमकी दी कि अगर उसे छोड़ा तो यह वीडियो वायरल कर देगा। इससे वह डर गईं। कुछ दिनों के बाद आईएएस ने संदेश देकर 23 फरवरी 2018 को हर हाल में दिल्ली पहुंचने को कहा। वह दिल्ली पहुंच गईं। 24 फरवरी 2018 को आईएएस उन्हें विवाह के लिए तिरुपति आंध्र प्रदेश ले गए, जहां मंदिर में शादी हो गई।
इसी बीच वह गर्भवती हो गईं। लिंग जानने के लिए उन पर दबाव बनाया। आरोप है कि आईएएस ने कहा था कि अगर बेटी हुई तो बेटी के साथ उन्हें भी अपने जीवन से निकाल देंगे। आईएएस के परिजन गर्भपात कराने के लिए दवा पिलाने लगे। इसमें वह नाकाम रहे।
23 नवंबर 2018 को बेटी का जन्म हुआ। इससे आईएएस चिढ़ गया। मारने-पीटने व नींद की दवा खिलाने लगा। इससे उनकी तबीयत खराब हो गई और मैक्स साकेत दिल्ली अस्पताल में भर्ती कर दिया गया। अस्पताल पहुंची पुलिस के समक्ष आईएएस ने उनसे गलत बयान दिलवाया।
शिकायत पर निलंबन
महिला ने कहा कि आईएएस के खिलाफ उसके विभाग व महिला आयोग में शिकायत की। विभाग ने जांच के बाद उसे निलंबित कर दिया। आईएएस ने उन्हें और उनकी बेटी को जान से मारने की धमकी दी। काफी दौड़-भाग के बाद 25 जनवरी 2021 को थाना अतरौली में आईएएस, उसके माता-पिता के खिलाफ धारा 376, 377, 406, 323, 328, 313, 504, 506 में मुकदमा दर्ज किया गया। महिला ने कहा कि तिलक मार्ग दिल्ली और अलीगढ़ पुलिस की कार्य प्रणाली ठीक नहीं रही।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा हो रहा नकारा
महिला ने कहा कि गुजरात के रहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था, लेकिन उन्हीं के गुजरात कैडर के आईएएस ने उनका व उनकी बेटी का जीवन नरक बना दिया है। बेटी को मानने से इनकार कर दिया है। बेटी के डीएनए की जांच के लिए वह तैयार हैं, लेकिन आईएएस भाग रहा है।
महिला ने कहा कि प्रधानमंत्री का नारा नकारा साबित हो रहा है। इसलिए वह अपनी जिंदगी से तंग आ चुकी हैं। उनके सामने आत्महत्या करने के सिवा कोई चारा नहीं बचा है। अब राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगी है।
बेटी को मिले पिता का नाम
महिला ने कहा कि ढाई साल की बेटी को पिता का नाम मिले। साथ ही जो एक पिता की एक बेटी के प्रति जिम्मेदारी होती है, उसे पूर्ण करें, जिससे बेटी का जीवन सुगम तरीके से बीत सके। अभी तो वह बच्ची है, जब वह बड़ी होगी, तो अपने पिता को लेकर सवाल भी करेगी। इसलिए उसे पिता का नाम मिले।