21 जनवरी की घटना हुई उद्घाटित
बस्ती,उत्तरप्रदेश
मोहकमे को अपनो ने ही कलंकित कर दियाबस्ती में तैनात दरोगा और सिपाही इसके पहले भी गोरखपुर में लूट की वारदात कर चुके हैं। 21 जनवरी को पुलिस ने इसका भंडाफोड़ किया तो पता चला था कि 19 लाख नकदी समेत 30 लाख के गहने और शाहपुर इलाके में एक स्वर्ण व्यापारी से कस्टम अफसर बनकर लूट की वारदात करने की घटना में असली पुलिस वाले ही शामिल थे। आरोपियों को जेल भेजने के साथ ही बर्खास्त भी कर दिया गया था।
उस समय महराजगंज के दो स्वर्ण व्यापारी रेलवे स्टेशन पर उतरे थे। उन्हें अगवा कर नौसड़ के पास सोने और नकदी की लूट की गई थी। वादात को बस्ती में तैनात दरोगा धर्मेंद्र ने अपने साथी सिपाहियों के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने जब इसका खुलासा किया तो पता चला था कि 31 दिसंबर को शाहपुर के खजांची चौक के पास महराजगंज के व्यापारी सुशील वर्मा के साथ कस्टम अफसर बनकर लूट हुई
इनको भेजा गया था जेल
सुशील की घंटाघर में सोने चांदी की दुकान है। सुशील की तहरीर पर भी केस दर्ज किया गया था। इस घटना में भी दरोगा धर्मेंद्र याद व तीन अन्य शामिल थे। आरोपी दरोगा ने कबूल किया कि शैलेश यादव और दुर्गेश अग्रहरि मुखबिरी करते थे और फिर वह वारदात को अंजाम देता था। इसी तरह से महराजगंज से व्यापारी के आने की सूचना मिली थी। पता चला था कि व्यापारी के पास कोई कागजात नहीं है। चांदी तस्कर का है। इसके बाद ही कस्टम अफसर बनकर रोका और फिर चेकिंग के नाम पर चांदी लूटकर फरार हो गए थे। तब पुलिस वालों को जेल भेजा गया था
आरोपियों की पहचान सिकरीगंज के जगरन्नाथपुर निवासी दरोगा धर्मेंद्र यादव, मऊ के सराय लखनसी इलाके के रैकवार डीह गांव के मूल निवासी सिपाही महेंद्र यादव, गाजीपुर के जंगीपुर थाना क्षेत्र के अलवरपुर निवासी सिपाही संतोष यादव, बोलेरो चालक पुरानी बस्ती करही निवासी देवेंद्र यादव, फर्जी पत्रकार व मुखबिर ठुठीवारी, महराजगंज निवासी शैलेश यादव और निचलौली महराजगंज निवासी दुर्गेश अग्रहरि के रूप में हुई है।