लखनऊ,उत्तरप्रदेश
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में जानवरों की चर्बी से घी बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई है। यहां मरे हुए जानवरों की चर्बी को घंटों पकाकर उससे निकले पदार्थ में एसेंस डाला जाता था। इसे घी बताकर बाजार में सप्लाई करते थे। यानी आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा था। बंद पड़ी एक फैक्ट्री में चोरी छिपे ये काम सालों से चल रहा था। ये लोग चर्बी वाले इस घी को प्रदेश भर में सप्लाई करते थे। मौके पर पहुंची पुलिस को काफी मात्रा में जानवरों के अवशेष बोरियों में भरे हुए मिले हैं। सैकड़ों जानवरों के खुर, हडि्डयां फैक्ट्री के अंदर पड़ी मिली हैं। घी बनाने के लिए रखी गई बड़ी-बड़ी कढ़ाई, डिब्बे और टिन भी बरामद हुए हैं। प्रशासन ने रसूलपुर क्षेत्र के ताडो वाली बगिया में चल रही इस अवैध फैक्ट्री को बुल्डोजर लगाकर ध्वस्त करा दिया है। फिरोजाबाद के थाना रामगढ़ और रसूलपुर क्षेत्र के ताडो वाली बगिया, लालपुर एवं छपरिया मोहल्ला में में छोटी बड़ी सात फैक्ट्रियों में छापा मारा गया है। सभी फरार हो गए हैं, ये फैक्ट्रियां किसकी हैं, ये जांच चल रही है। ये लोग कोई ब्रांड इस्तेमाल नहीं करते थे। टिन में भरकर आगरा, एटा, अलीगढ़, फिरोजाबाद और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में सप्लाई देते थे। वहां से छोटी दुकानों में डिस्ट्रीब्यूट होता था।
रात के अंधेरे में पकती चर्बी, दिन में बनता था घी
स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के अंधेरे में इस फैक्ट्री से धुआं निकलता रहता था। तभी ये लोग चर्बी को पकाते थे। इसके बाद सुबह टीन और पैकेट में घी को पैक किया जाता था। सूचना पर भारी पुलिस फोर्स एवं जेसीबी के साथ सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ टूंडला अभिषेक श्रीवास्तव, मुख्य खाद्य निरीक्षक बीएस कुशवाह पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। यहां बंद पड़ी फैक्ट्रियों में जानवरों को काटने का काम चल रहा था।