लखनऊ/बस्ती
जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव, आयोग ने शुरू की तैयारियां उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने जुलाई के पहले हफ्ते में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव एक साथ करवाने की तैयारी शुरू की है। आयोग ने यह तैयारी प्रदेश के पंचायतीराज विभाग के उस पत्र के आधार पर शुरू की है, जिसमें कहा गया है कि चूंकि जिला पंचायत अध्यक्ष के खाली पदों पर तैनात किए गए प्रशासकों का छह महीने का कार्यकाल 13 जुलाई को खत्म हो रहा है और इन प्रशासकों का कार्यकाल आगे और बढ़ाने के लिए कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव 12 जुलाई से पहले करवा लिए जाएं हालांकि ब्लॉक प्रमुख के रिक्त पदों पर तैनात प्रशासकों का कार्यकाल 17 सितंबर को खत्म हो रहा है।
आयोग जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ही ब्लॉक प्रमुख के चुनाव करवाने की तैयारी कर रहा है। यह जानकारी आयोग के सूत्रों से मिली है। अभी ग्राम पंचायतों में प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य आदि के रिक्त पदों पर उपचुनाव की प्रक्रिया चल रही है और 12 जून को इस उपचुनाव का मतदान होना है और 14 जून को मतगणना होनी है। इसलिए उपचुनाव की यह प्रक्रिया पूरी होने के तत्काल बाद जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के पदों के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू करवा दी जाएगी।
जिला पंचायत अध्यक्ष के कुल 75 पद हैं। इन पदों पर कुल 3050 चुने हुए जिला पंचायत सदस्य अपने में से ही किसी एक को अध्यक्ष चुनेंगे। अप्रत्यक्ष चुनाव होने के बावजूद इन पदों के लिए राजनीतिक दलों की में जबर्दस्त रस्साकशी चल रही है। इसी तरह ब्लॉक प्रमुख के कुल 826 पदों के लिए कुल 75852 चुने हुए क्षेत्र पंचायत सदस्य अपने बीच में से किसी एक को ब्लॉक प्रमुख चुनेंगे। इस चुनाव के लिए भी राजनीतिक दलों में होड़ मची हुई है.
यद्द्यपि चुनाव में कोई एक ही जीतेगा पर विकास खण्डों में विशेष के बनकटी में किसी अप्रत्याशित अनहोनी की संभावना बलवती होती जा रही है.अभी 4 दिन पूर्व दोगुटो का द्वंद सामने आया,लालगज थाने ने मुंडेरवा और मुंडेरवा ने महुली का कार्य क्षेत्र बताकर कर्तव्य की इतिश्री करलिया.उसी की परिणति महदेवा चौराहे पर सायं 6 बजे जोकुछ हुआ वह असहिष्णुता,असहजता और अप्रत्याशित घटना व तनाव की ओर इंगित अवश्य करता है.अगर पुलिसिया तत्स्थवाद वाद चलता रहा तो अभी एक ही विकास खण्ड में द्वंद्व होरहा है.अगर द्वंद का संक्रामक रोग लगगया तो फिर क्या होगा.
जिला प्रशासन को चाहिए प्रत्याशियों व उनके समर्थकों पर निगाह की निगरानी रखे.