लखनऊ,उत्तरप्रदेश
जिला पंचायत का चुनाव 2022 की पृष्ठभूमि का श्रीगणेश है.यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले अभी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की सरगर्मी चल रही है। वैसे तो चुनाव तीन जुलाई काे होना है लेकिन शनिवार को नामांकन का आखिरी दिन हाेने से यह स्पष्ट हो गया कि 18 जिलों में चुनाव की नौबत ही नहीं आएगी। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों का 17 जिलों में निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाना तय हो गया है, जबकि मुख्य विपक्षी दल सपा का इटावा सीट पर निर्विरोध अध्यक्ष बनना निश्चित है। राज्य निर्वाचन आयोग 29 जून को नामांकन वापसी की अवधि बीत जाने के बाद यहां के प्रत्याशियों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर देगा। अब आगामी 3 जुलाई को शेष बचे 57 जिलों में मतदान कराया जाएगा।
शनिवार को हुए नामांकन के बाद यह स्थिति सामने आई। अब बाकी जिलों में मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा- रालोद गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच है। शनिवार को दोपहर तीन बजे तक नामांकन दखिल होने के बाद नामांकन पत्रों की जांच की गयी। जांच में कई प्रत्याशियों के पर्चे खामियों के चलते खारिज भी किये गये मगर इसके बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से आगामी 29 जून को सही नामांकन दाखिल करने वाले या अकेले नामांकन करने वाले उम्मीदवार को निर्विरोध निर्वाचित तभी घोषित किया जाएगा जब नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों द्वारा नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
जिला कार्यालयों से शाम छह बजे तक मिली सूचना के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में बुलंदशहर से भाजपा की डॉ अंतुल तेवतिया, मुरादाबाद से डा. शैफाली सिंह, मेरठ से गौरव चौधरी,गाजियाबाद से ममता त्यागी, बलरामपुर से आरती तिवारी, गौतमबुद्ध नगर में अमित चौधरी, मऊ से मनोज राय, गोरखपुर से साधना सिंह, चित्रकूट से अशोक जाटव, झांसी से पवन कुमार गौतम, गोंडा से घनश्याम मिश्र, श्रावस्ती से दद्दन मिश्रा तथा ललितपुर से कैलाश निरंजन के खिलाफ किसी ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया। वाराणसी के बारे में भी बताया गया कि वहां सपा प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया है इसलिए वहां भी भाजपा प्रत्याशी की जीत तय मानी जा रही है। राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को प्रदेश के 75 जिलों में कुल 160 उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किये, छह के पर्चे खारिज हुए अब मैदान में 154 उम्मीदवार मैदान में बचे हैं।