लखनऊ,उत्तरप्रदेश
कहने को देश मे लोकतंत्र है पर इश्लामिक लोग अभी शरिया,शरीयत,कुरान का अंधानुकरण छोड़ नही रहे.उत्तरप्रदेश में जब योगिराज आया था तब लगा कि8 योगी की दहशत से आतंकी गतिविधियां,साम्प्रदायिक गतिविधियां,धर्मांतरण पर रोक जरूर लगेगी पर सब उल्टा होरहा है,इश्लामिक जन अपना एजेंडा लागू करते जा रहे हैं और देश व प्रदेश की गुप्तचर संस्थान गहरी नींद में है अन्यथा युवक,युवती तो छोड़िए गूँगे भरे भी धर्मान्तररित किये जा रहे है.योगी एकादश,योगी नवम और पूरी मंत्रिपरिषद और अफसरशाही तमाशबीन बन पश्चाताप की ताली और थाली पीट रही है.योगी जी कहा गया आपका अदम्य आत्म विश्वास जिस बूते सत्ता प्रतिष्ठान पर आप काबिज हुए थे.अभी समय है चेतिये और धर्मांतरण कराने वाले मुल्ला,कठमुल्ला,मौलवी या आतंकी सबकी एकही सजा तय करिए मृत्यु पर्यंत जेल.अन्यथा सब होता रहेगा और हम सोमनाथ मंदिर के पुजारी की भूमिका में ही रह जाएंगे.जरा बानगी तो देखिये?
नोएडा से एटीएस (एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड) के हत्थे चढे़ धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह ने काकादेव निवासी मूक बधिर छात्र
आदित्य गुप्ता को भी अपना शिकार बनाया। ब्रेन वॉश कर और पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया और उसका नाम बदलकर अब्दुल रखवा दिया। आदित्य उनकी बातों में आकर इस कदर प्रभावित हुआ कि वह चोरी छिपे घर में नमाज पढ़ने लगा और मस्जिद जाने लगा।
उसके बैंक खाते में विदेश से हर महीने सात हजार रुपये आते थे। घर में मिले धर्म परिवर्तन संबंधी कागजात देखकर परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो इसके कुछ दिन बाद ही वह लापता हो गया। सोमवार को एटीएस के खुलासे से पहले रविवार को वह अचानक रहस्यमयी तरीके से घर लौट आया। कल्याणपुर थाना क्षेत्र के काकादेव पी ब्लॉक निवासी राकेश कुमार गुप्ता पेशे से वकील हैं।
राकेश के मुताबिक उनका लड़का आदित्य मूक बधिर है। वह स्नातक की पढ़ाई कर रहा है। पढ़ाई के संबंध में दिल्ली व नोएडा जाया करता था। परिजनों के मुताबिक करीब एक साल से आदित्य के हावभाव, व्यवहार के साथ खानपान और रहनसहन के तरीकों में बदलाव आया। पहले नजरअंदाज किया लेकिन बाद में ये व्यवहार खटकने लगा।
उससे पूछने का प्रयास किया लेकिन कुछ नहीं बताया। इस बीच कई बार उसको नमाज पढ़ते देखा। मस्जिद में भी जाने लगा। तब यकीन हो गया कि कुछ न कुछ गड़बड़ है। जब उसके कागजात आदि खंगाले तो धर्मांतरण संबंधी दस्तावेज मिले। इसके कुछ ही दिन बाद 10 मार्च को वह लापता हो गया। इसकी एफआईआर कल्याणपुर थाने में दर्ज कराई गई।
खाड़ी देशों से खाते में आते थे रुपये
परिजनों ने बताया कि आदित्य के खाते में हर महीने सात हजार रुपये एक अनजान खाते से आते थे। जब बैंक रिकार्ड खंगाले तो पता चला कि ये रकम खाड़ी देशों से भेजी जाती है। इससे इस बात पर मुहर लग गई कि पैसों का लालच देकर आदित्य का धर्म परिवर्तन कराया गया। वह मूक बधिर है, इस कारण उसकी ही भाषा में उसे समझाकर ब्रेन वॉश किया गया।
एटीएस ने दावा किया है कि धर्म परिवर्तन कराने के बाद आदित्य को दक्षिण भारत भेज दिया गया था। उसने वीडियो कॉल पर परिजनों को धर्मांतरण के बारे में बताया। हालांकि जब परिजनों से इस बारे में बातचीत की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। परिजनों का कहना है कि लापता होने से पहले ही उनको पता चल गया था कि आदित्य ने धर्म परिवर्तन कर लिया। विरोध करने के बावजूद वो घर पर नमाज पढ़ने लगा था। घर वाले समझाते तो उनका विरोध करता था। जानकारी के मुताबिक परिजनों के विरोध करने की वजह से आदित्य यहां से चला गया था। अपहरण करने संबंधी कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं।
आदित्य की मां ने बताया कि कुछ समय पहले वीडियो कॉल पर आदित्य ने अपने मामा से बात की। उन्होंने आदित्य से कहा कि उसकी मां की तबीयत बहुत खराब है। अस्पताल में भर्ती हैं। इससे वह थोड़ा पिघला और खुद वापस आ गया। हालांकि पुलिस या एटीएस की तरफ से इसके वापसी को लेकर कोई बयान नहीं दिया .