लखनऊ
बरेली में शुक्रवार को एक दिल दहलाने वाली वारदात हुई। यहां अस्पताल में भर्ती एक व्यापारी ने पहले 10 साल के बेटे को चौथी मंजिल से नीचे फेंक दिया। फिर खुद कूद गया। इसमें दोनों की मौत हो गई। व्यापारी की पत्नी 8 दिन पहले मायके गई हुई थी। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
घटना शहर के गंगाशील अस्पताल की है। तीन दिन पहले ही तबीयत खराब होने पर दीपक को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज उसे डिस्चार्ज होना था। इसके चलते उसका 10 साल का बेटा दिव्यांश अपनी बुआ के साथ अस्पताल पहुंचा था, ताकि पिता को डिस्चार्ज कराके घर ला सके। लेकिन डिस्चार्ज से पहले दीपक ने पहले बेटे को नीचे फेंक दिया और फिर खुद कूद गया।
8 दिन से मां के साथ था बेटा, आज ही बुआ के साथ आया था
दीपक की पत्नी कंचन के भाई गौरव ने बताया कि उसके जीजा बहन के साथ आए दिन मारपीट करते थे। 8 दिन पहले पड़ोसियों ने फोन किया कि कंचन का पति उसके साथ मारपीट कर रहा है। वह खुद अपनी बहन और दोनों बच्चों को लेने आया था। शुक्रवार सुबह कंचन के बहन-बहनोई घर आए और बेटे दिव्यांशु को अपने साथ ले आए थे।
बहन-बहनोई दीपक के बेटे को लेकर पहुंचे थे अस्पताल
दीपक की बहन उसके बेटे दिव्यांश को लेकर अस्पताल पहुंची थी। तभी दीपक बेटे दिव्यांश को अपने साथ लेकर वार्ड से बाहर निकला। अचानक उसने बेटे को उठाया और उसे चौथी मंजिल से नीचे फेंक दिया। आसपास के लोग कुछ समझ पाते तब तक वह खुद भी नीचे कूद गया। एकाएक हुई इस घटना से अस्पताल में हड़कंप मच गया। लोग दौड़कर नीचे पहुंचे लेकिन, पिता और बेटे दोनों की मौत हो चुकी थी।
परिजनों का कहना- बिल के लिए परेशान कर रहे थे अस्पताल वाले
दीपक की बरेली में ही कन्फेक्शनरी की दुकान थी। मृतक के बहनोई नरेश पाल ने बताया कि अस्पताल वाले लगातार बिल चुकाने का दबाव बना रहे थे। लॉकडाउन के चलते सारा व्यापार ठप था और ज्यादा पैसे नहीं थे। हर रोज अस्पताल वाले बिल भरने का दबाव बना रहे थे। इसी टेंशन में दीपक ने छत से कूदकर जान दे दी। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने इन आरोपों से इंकार कर दिया। अस्पताल का बिल सिर्फ 15 हजार रुपए का था। इसमें भी 6 हजार रुपए जमा हो चुके थे।
5 साल की बच्ची, बूढ़ी मां और पत्नी को छोड़ गया
दीपक की मौत की खबर मिलते ही पत्नी कंचन और मां चंद्रवती का रो-रोकर बुरा हाल है। दीपक की एक 5 साल की बच्ची भी है। हालांकि, अस्पताल का कहना है कि दीपक नशे का लती था। उसकी मानसिक स्थिति भी खराब थी। इसी कारण तबीयत बिगड़ने पर उसे तीन दिन पहले एडमिट कराया गया था।