बस्तीः
रोजाना एक करोड़ नागरिकों का वैक्सीनेशन सुनिश्चित कराने की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष अंकुर वर्मा के नेतृत्व में पार्टी पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को दिया। भेजे गये ज्ञापन में कहा गया है कि कोविड वैक्सीनेशन की रणनीति भारी भूलों की एक खतरनाक काकटेल है। भारत सरकार जरूरत के हिसाब से वैक्सीन निर्माण और उसकी खरीद में बुरी तरह फेल रही है।
ज्ञाप देने के उपंरान्त पार्टी दफ्तर पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कोरोना वैक्सीन के प्रबंधन और वैक्सीनेशन को लेकर केन्द्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार को आड़े हाथों लेते हुये कांग्रेस के पूर्व विधायक अंबिका सिंह ने कहा सरकार को सारे कामकाज छोड़कर सिर्फ वैक्सीनेशन पर ध्यान देना चाहिये। देशभर में लाखों लोग रोजाना मर रहे थे तब सरकार युद्ध स्तर पर चुनाव प्रचार कर रही थी।
पांच राज्यों के बाद यूपी में पंचायत चुनाव कराये गये, जो कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा स्प्रेडर बना। उन्होने कहा अब जब कोरोना की रफ्तार कम हुई तो सरकार फिर अगले साल होने वाले चुनावों के लिये मंथन कर रही है। जबकि इस वक्त जनता को कोरोना वायरस से बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिये। पूर्व विधायक ने कहा भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ सत्ता सुख चाहिये, इसके लिये चाहे जो कुरबानी देनी पड़ी, जनता को ही निशाने पर क्यों न लेना पड़े इससे कोई परहजे नही है। सरकार ने पहले खेप की वैक्सीन विदेश भेज दिया।
इसके बाद राज्यों को अलग अलग मूल्यों पर वैक्सीन उपलब्ध करवाया, अब निजी सेक्टर को दूसरे मूल्य पर दिया जा रहा है। उम्र वर्ग को लेकर कई बार गाइडलाइन जारी की गयी। ये सबकुछ कुप्रबंधन का नतीजा है। जिलाध्यक्ष अंकुर वर्मा ने कहा कोरोना वैश्विक महामारी है, सभी देश प्राथमिकता के आधार पर अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिये युद्ध स्तर पर प्रयासरत हैं वहीं भारत सरकार वैक्सीन का व्यापार कर रही है। पूर्व विधायक ने कहा प्रधानमंत्री ने पहले ही आपदा मे अवसर तलाशने का मंत्र दिया था, और कोई ऐसा अवसर नही था जिसे सरकार और नेता भुनाने से चूके हों।
फर्जी इंजेक्शन बनाकर बेंचे गये, वैक्सीन की कालाबाजरी सामने आई। इन सब चालबाजियों में भाजपा नेताओं का ही नाम सामने आया। कोरोना वैक्सीन की कमी है। टीकाकरण केन्द्र बंद हो रहे हैं। वैक्सीन की दोनो डोज के बीच के अंतराल को बार बार बढ़कार सच्चाई छिपाने की कोशिश की जा रही है। अगर एक्सपर्ट की राय अलग अलग है तो यह स्पष्ट नही है कि 28 दिनों का अंतराल सही है या फिर 84 दिनों का। इसके साथ ही अलग अलग अंतराल पर वैक्सीनेशन का जो नुकसान होगा उसका जिम्मेदार कौन होगा। वैक्सीन को लेकर देशभर में तरह तरह की भ्रंतिया हैं।
पूर्व विधायक ने चेतावनी के लहजे में कहा बेहतर होगा, प्राथमिकतायें बदलकर सरकार को सारे कामकाज छोड़कर युद्धसतर पर एक साथ सभी उम्र वर्ग के नागरिकों का वैक्सीनेशन शुरू करना चाहिये। दोनो कार्यक्रमों में वरिष्ठ कांग्रेसी प्रेमशंकर द्विवेदी, जिला प्रवक्ता मो. रफीक खां, गिरजेश पाल, नर्वदेश्वर शुक्ला, महेन्द्र श्रीवास्तव, ज्ञानप्रकाश पाण्डेय, अलीम अख्तर, सोमनाथ पांडे, मनोज त्रिपाठी, राहुल चौधरी, रचिन्द्र चौधरी, आदर्श पाठक, रोहन श्रीवास्तव, प्रेमसागर पाठक, मुन्ना भाई, शुभम त्रिपाठी, फैजू, लवकुश गुप्ता, लक्ष्मीकांत मिश्र आदि मौजूद रहे।
ज्ञाप देने के उपंरान्त पार्टी दफ्तर पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कोरोना वैक्सीन के प्रबंधन और वैक्सीनेशन को लेकर केन्द्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार को आड़े हाथों लेते हुये कांग्रेस के पूर्व विधायक अंबिका सिंह ने कहा सरकार को सारे कामकाज छोड़कर सिर्फ वैक्सीनेशन पर ध्यान देना चाहिये। देशभर में लाखों लोग रोजाना मर रहे थे तब सरकार युद्ध स्तर पर चुनाव प्रचार कर रही थी।
पांच राज्यों के बाद यूपी में पंचायत चुनाव कराये गये, जो कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा स्प्रेडर बना। उन्होने कहा अब जब कोरोना की रफ्तार कम हुई तो सरकार फिर अगले साल होने वाले चुनावों के लिये मंथन कर रही है। जबकि इस वक्त जनता को कोरोना वायरस से बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिये। पूर्व विधायक ने कहा भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ सत्ता सुख चाहिये, इसके लिये चाहे जो कुरबानी देनी पड़ी, जनता को ही निशाने पर क्यों न लेना पड़े इससे कोई परहजे नही है। सरकार ने पहले खेप की वैक्सीन विदेश भेज दिया।
इसके बाद राज्यों को अलग अलग मूल्यों पर वैक्सीन उपलब्ध करवाया, अब निजी सेक्टर को दूसरे मूल्य पर दिया जा रहा है। उम्र वर्ग को लेकर कई बार गाइडलाइन जारी की गयी। ये सबकुछ कुप्रबंधन का नतीजा है। जिलाध्यक्ष अंकुर वर्मा ने कहा कोरोना वैश्विक महामारी है, सभी देश प्राथमिकता के आधार पर अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिये युद्ध स्तर पर प्रयासरत हैं वहीं भारत सरकार वैक्सीन का व्यापार कर रही है। पूर्व विधायक ने कहा प्रधानमंत्री ने पहले ही आपदा मे अवसर तलाशने का मंत्र दिया था, और कोई ऐसा अवसर नही था जिसे सरकार और नेता भुनाने से चूके हों।
फर्जी इंजेक्शन बनाकर बेंचे गये, वैक्सीन की कालाबाजरी सामने आई। इन सब चालबाजियों में भाजपा नेताओं का ही नाम सामने आया। कोरोना वैक्सीन की कमी है। टीकाकरण केन्द्र बंद हो रहे हैं। वैक्सीन की दोनो डोज के बीच के अंतराल को बार बार बढ़कार सच्चाई छिपाने की कोशिश की जा रही है। अगर एक्सपर्ट की राय अलग अलग है तो यह स्पष्ट नही है कि 28 दिनों का अंतराल सही है या फिर 84 दिनों का। इसके साथ ही अलग अलग अंतराल पर वैक्सीनेशन का जो नुकसान होगा उसका जिम्मेदार कौन होगा। वैक्सीन को लेकर देशभर में तरह तरह की भ्रंतिया हैं।
पूर्व विधायक ने चेतावनी के लहजे में कहा बेहतर होगा, प्राथमिकतायें बदलकर सरकार को सारे कामकाज छोड़कर युद्धसतर पर एक साथ सभी उम्र वर्ग के नागरिकों का वैक्सीनेशन शुरू करना चाहिये। दोनो कार्यक्रमों में वरिष्ठ कांग्रेसी प्रेमशंकर द्विवेदी, जिला प्रवक्ता मो. रफीक खां, गिरजेश पाल, नर्वदेश्वर शुक्ला, महेन्द्र श्रीवास्तव, ज्ञानप्रकाश पाण्डेय, अलीम अख्तर, सोमनाथ पांडे, मनोज त्रिपाठी, राहुल चौधरी, रचिन्द्र चौधरी, आदर्श पाठक, रोहन श्रीवास्तव, प्रेमसागर पाठक, मुन्ना भाई, शुभम त्रिपाठी, फैजू, लवकुश गुप्ता, लक्ष्मीकांत मिश्र आदि मौजूद रहे।