*अत्यधिक महत्वपूर्ण*
चीन द्वारा जैविक वायरस से हमले की इस भीषण महामारी के काल में यदि शासन व प्रशासन के प्रति लोगों में रोष पनप रहा है, तो विपक्षी दल इसे अपनी जीत बिल्कुल भी न समझें...। क्योंकि सरकार के प्रति यदि रोष पनप रहा है, तो तुम्हारे कृत्यों से तुम्हारे प्रति घृणा उससे कहीं ज्यादा मात्रा में बढ़ रही है....और घृणा - रोष से ज्यादा संवेदनशील मानवीय पक्ष है।
...यह रोष ऐसी विकट आपदा के समय मे एक बहुत स्वाभाविक प्रतिक्रिया है।
इसे तुम अपने पक्ष में जनमत समझने की भूल कतई न करो..... *काश तुम सब के सब विपक्षी केवल और केवल नकारात्मकता फैलाने के अतिरिक्त कुछ रचनात्मक सेवा व सहयोग के कार्य कर भी रहे होते....???*
आज जनता परेशान जरूर है, किंतु तुम्हारी स्वार्थ से लिप्त कुत्सित राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं में छिपी कामनाओं से अनभिज्ञ कतई भी नहीं है...!! उचित समय आने दो....तुमसे तुम्हारी हर कुत्सित व गन्दी नकारात्मक साज़िशों का जवाब अवश्य दिया जाएगा ........ अभी तो सम्पूर्ण तन्त्र केवल और केवल स्वास्थ्य ढाँचे की क्षमता में अपेक्षित वृद्धि करते हुए लोगों की जान बचाने में जुटा हुआ है।
आप केवल कमियाँ बताने की जगह कहाँ क्या सहयोग कर रहे हैं इस पर भी विचार अवश्य करें ??
महाभारत काल मे भी दुर्योधन जैसा भी संकट केसमय एका की बात करता था।देश का विपक्ष दुर्योधन में चरित्र से भी गिरा है.देश मे राजनैतिक नही शत्रु भाव का माहौल है.सबको मोदी का स्वप्न आरहा है.देश के स्वथ्य के विपक्ष को आज केंद्र केसाथ देना चाहिए,कल सामान्य हालात पर चाहें जैसे निपट लेना।
#नर सेवा नारायण सेवा।
# सेवा है यज्ञ रूप-समिधा सम हम जलें।