ग्रामीण आबादी के मददगार बने फ्रंटलाइन वर्कर्स, लोगों को कर रहे जागरुक

 

ग्रामीण आबादी के मददगार बने फ्रंटलाइन वर्कर्सलोगों को कर रहे जागरुक

- लोगों का ले रहीं तापमानमाप रही हैं आक्सीजन का लेवल


- दे रही हैं दवाएंकोरोना के लक्षणों के प्रति कर रहीं जागरुक

संतकबीरनगर, 19 मई 2021।

ग्रामीण क्षेत्रों में फ्रण्टलाइन वर्कर्स लोगों को कोविड के प्रति जागरुक करने के साथ ही उनको दवाएं भी उपलब्ध करा रही हैं। कोविड सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखते हुए उनके द्वारा ग्रामीणों का शारीरिक तापमान लेने के साथ ही उनके आक्सीजन लेवल की भी जांच की जा रही है। बुखार आदि होने पर वह लोगों को दवाएं देने के साथ ही कोरोना के लक्षणों के प्रति जागरुक भी कर रही हैं।

एसीएमओ डॉ. मोहन झा ने बताया कि गांवों में फैल रहे कोरोना को देखते हुए आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संभावित कोविड रोगियों को चिन्हित कर रही हैं। थर्मामीटर वआक्सीमीटर से न सिर्फ कोरोना के शुरुआती लक्षणों की जांच कर रही हैं बल्किउन्हें दवा भी उपलब्ध करा रही हैं। इस काम जनपद की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ ही आशा कार्यकर्ताओं को भी लगाया गया है। कोरोना के 85 फीसदी से अधिक मरीजों को हल्का संक्रमण होता है और वह घर परही ठीक हो जाते हैं। इसे देखते हुए प्रत्येक गांव में थर्मामीटर औरऑक्सीमीटर उपलब्ध कराए गए हैंजिससे कि बुखार की जांच के साथ-साथ मरीज केआक्सीजन स्तर पर नजर रखी जा सके।

प्रतिरक्षण तन्त्र मजबूत रहेगा तो नहीं होंगे बीमार

डीसीपीएम संजीव कुमार सिंह कहते हैं कि प्रिवेंशन इज बेटर दैन क्योर। यानी किसीरोग के इलाज से अच्छा है कि उससे बचाव किया जाए। कोरोना के मामले में भीऐसा ही है। अगर कोविड अनुकूल अपना व्यवहार रखेंयानि सही तरीके सेमास्क लगाएंदो गज की दूरी रखेंऔर अपना खान-पान व जीवनशैली दुरुस्त रखकरअपने प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते रहें तो कोरोना वायरस बीमार नहीं कर पाएगा। बीमार ही नहीं होंगे तो इलाज की भी जरूरत नहीं होगी।

 

निगरानी समिति रख रही है पूरी नजर

ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में बनीनिगरानी समिति में गांव का लेखपालग्राम पंचायत सचिवरोजगार सचिवआशाकार्यकर्ताआंगनबाड़ी कार्यकर्ता व युवक मंडल दल के सदस्य शामिल हैं। इनके माध्यम से कोरोना मरीजों को तो दवाएं पहुंचाई ही जा रही हैंजिनमेंलक्षण भी हैंउन्हें भी निशुल्क दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सभीसमितियों को 10-10 किट उपलब्ध कराई गई हैं। इसके साथ ही ग्रामीणों कोजागरूक भी किया जा रहा है। होम आइसोलेशन में यदि मरीज को लाभ नहीं मिल रहाहै तो उनके और बेहतर उपचार के लिए प्रत्येक गांव में आइसोलेशन सेंटर की भी व्यवस्था की जाएगी।

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form