बस्ती/नई दिल्ली
देश के सबसे प्रभावी शैक्षिक कोर्स एनसीईआरटी कक्षा एक के पुस्तक में एक ऐसा अभद्र और अनैतिक पाठ पढ़ाया जा रहा है. दशकों से पढ़ाई जा रहे इस पाठ पर आज तक किसी के भी निगाह नहीं पहुंची. एक आईएएस अधिकारी अवनीश शरण में सोशल मीडिया पर हिंदी पाठ्यपुस्तक की आम की टोकरी से शीर्षक से पुस्तक में छपी किताब पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा है, कि यह पुस्तक निसंदेह भारत की अस्मिता और नैतिकता के खिलाफ़ है
कक्षा एक के छात्र में संस्कारवान होने की शिक्षा दी जाती है न कि उसको किसी प्रकार के गलत रास्ते पर प्रेरित करने के लिए और एनसीईआरटी ने किसके दबाव में इस तरह के पाठ्यक्रमों को शामिल कर लिया यह चिंता का विषय है. साथ ही साथ इस पर कठोर कार्यवाही भी होनी चाहिए
इस पर एनसीईआरटी के प्रवक्ता ने कहा है स्थानीय भाषाओं की शब्दावली को बच्चों तक पहुंचाने के उद्देश्य से ध्यान में रखते हुए यह कविता शामिल की गई है ,ताकि सीखना होसके .फिर भी एनसीईआरटी ने इस कविता को हटाने के लिए घोषणा कर दी है .सोशल मीडिया पर आम की टोकरी की कविता में प्रयुक्त शब्दावली पर तमाम यूजर्स ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जिस तरह का भारत के जहां चरित्र का मूल्य है, ऐसे में इस तरह की कविता को कक्षा एक की पुस्तक में पढ़ाना ने अनैतिक और निंदनीय है और अभी तक एनसीईआरटी के और केंद्रीय विद्यालय संगठन के कर्ता-धर्ता में यह बात समझ में क्यों नहीं आई इसकी हुई जांच होनी चाहिए.