उज्जैन.
महाकालेश्वर का भी भय नही दलालों को उज्जैन में एक बार फिर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी उजागर हुई. इस बार चरक अस्पताल की दो नर्स को पकड़ा गया है. यह दोनों नर्स मरीज को लगाने की जगह इंजेक्शन अपने पास रख लेती थी. इसके बाद एक युवक के माध्यम से इन्हें बेच देती थी.
पकड़े जाने के बाद दोनों नर्स रोते हुए पुलिस अफसरों के सामने माफ कर देने के लिए गिड़गिड़ाती रही. कोरोना महामारी अपने चरम पर है. रोजाना कई मरीज बेहतर इलाज नहीं मिल पाने के कारण अपनी जान से हाथ धो रहे हैं. कोरोना काल में डॉक्टर द्वारा लिखे जाने वाले इंजेक्शन रेमडेसिविर और मेरोपेनम की काली बाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही है.
बताया जा रहा है कि साइबर टीम ने कार्रवाई की और दो नर्स के साथ एक युवक को पकड़ा. आरोपियों के पास से पांच इंजेक्शन बरामद किए गए है. जिसमें दो रेमडेसिविर और तीन मेरोपेनम इंजेक्शह .
यही स्थिति सर्वत्र है जो पकड़ा गया वह चोर और नही पकड़ा गया तो बादशाह।सरकार को अस्पतालों के इर्द गिर्द यल आई यू लगाकर पूरे देश मे कोविड इंजेक्शन केI काला बाजारी रोकना चाहिए।अपुष्ट खबरों के अनुसार लाखो के तनख्वाह पाने वाले आर्थिक अपराधियो का लुच्चे लफग्गों का गिरोह हर अस्पताल पर काम कर रहा है।जिन्होंने आपदा को अवसर मान लिया है .