छोटे और मझोले दुकानदारों को खर्चा चलाना मुश्किल

 




जौनपुर। 
 कोरोना संक्रमण की चेन को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने 30 अप्रैल से पूरे प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लगाया है, जो अभी जारी है। जिले में सर्वाधिक मुसीबत छोटे दुकानदारों को है जो चट्टी चैराहे पर ठेला या खोमचे लगाकर प्रतिदिन मेहनत मजदूरी  का जुगाड़ करते हैं ताकि उन्हें दो वक्त की रोटी नसीब हो सके। पिछले वर्ष कोरोना काल में समाज के प्रबुद्धजन, समाजसेवियों द्वारा ऐसे लोगों की मदद भी की जाती थी, लेकिन इस बार मदद के लिए अभी तक कोई आगे नहीं आया है। 
पंचायत चुनाव की आहट के दरम्यान तमाम लोग मदद को आगे बढ़े थे। सरकार को छोटे दुकानदारों पर ध्यान देना चाहिए।  सड़क पर बच्चों के कपड़े बेचने वाले रामकुमार ने कहा कि हम सभी के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
 कोरोना की दूसरी लहर से बचने में दो जून की रोटी मुश्किल से मिलती है। साइकिल बनाने वाले शहजादे का कहना है कि मैं समझ नहीं पा रहा कि दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कैसे कर सकूं ताकि परिवार का भरण पोषण हो सके। 
पुलिस हम लोगों पर ही ज्यादा डंडा मारती है। मटरी के दुकानदार केशव का कहना है कि वर्तमान समय में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा हैं। पिछले वर्ष तो लोगों ने काफी मदद की थी लेकिन इस बार कोई पूछने वाला तक नहीं। पता नहीं समाज को क्या हो गया है। ठेले पर चना बेचने वाले मनोहर ने कहा कि परिवार का भरण -पोषण करने में भी अब परेशानी होनी लगी है। राशन कार्ड से राशन तो मिल जाता है लेकिन अन्य आवश्यक सामान के लिए पैसे की जरूरत है।  

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