औपचारिकता में निपटाई जा रही निगरानी समिति की बैठक"




मिल्कीपुर।
कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण एवं प्रभाव को लेकर जिलाधिकारी अनुज कुमार झा द्वारा जिले के समस्त ग्राम प्रधानों को भेजे गए शुभकामना संदेश एवं निगरानी समिति की बैठक संपन्न कराते हुए पत्र में उल्लेखित सात बिंदुओं पर अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए गए थे। किंतु जिलाधिकारी के उस आदेश की हवा ब्लॉक सहित तहसील कर्मियों द्वारा निकाल दी गई। और निगरानी समिति की बैठक के नाम पर केवल मखौल उड़ाया जाने का मामला प्रकाश में आया है। बताते चलें कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को लेकर रोकथाम हेतु जिलाधिकारी द्वारा समस्त ग्राम प्रधानों के साथ निगरानी समिति की बैठक संपन्न कराए जाने के निर्देश ब्लॉक एवं तहसील कर्मियों सहित स्वास्थ्य कर्मियों को दिए गए थे। 
जिसके क्रम में मिल्कीपुर ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सिधौना से निर्वाचित ग्राम प्रधान उमा सिंह को फोन करके ग्राम विकास अधिकारी हंसराज द्वारा बीते 8 मई को निगरानी समिति बैठक कराने के लिए 11 बजे के बाद आयोजित किए जाने की बात कही गई थी। जिसके क्रम में ग्राम प्रधान निर्वाचित ग्राम पंचायत सदस्यों के साथ ग्राम विकास अधिकारी का इंतजार करती रही और शाम 4 बजे तक ग्राम विकास अधिकारी सहित अन्य जिम्मेदार कर्मी गांव नहीं पहुंचे तथा बैठक नहीं संपन्न हो सके। इसके बाद ग्राम प्रधान ने खंड विकास अधिकारी को फोन कर समूचे घटनाक्रम से अवगत कराया और लापरवाह ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी।

 तब से आज तक ग्राम पंचायत के निगरानी समिति की बैठक संपन्न नहीं हो सकी थी। मामला अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित किए जाने के बाद प्रशासनिक अधिकारी नींद से जागे और खबर का असर दिखा। शुक्रवार को पूर्वान्ह 11 बजे क्षेत्रीय लेखपाल रवि प्रकाश यादव द्वारा ग्राम प्रधान को फोन कर जानकारी दी गई कि आपके यहां अपराहन 2:30 बजे उपजिलाधिकारी मिल्कीपुर स्वयं निगरानी समिति की बैठक करेंगे। जिस क्रम में ग्राम प्रधान सहित ग्रामीण गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय पर एकत्र हुए किंतु निगरानी समिति की बैठक का नजारा कुछ और ही रहा। उप जिलाधिकारी दिग्विजय प्रताप सिंह निगरानी समिति की बैठक करने पहुंचे और उन्होंने क्षेत्रीय लेखपाल आशा बहू और एएनएम से अलग वार्ता की तथा उन्हें रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए और मात्र 2 मिनट के अंदर स्कूल पर मौजूद ग्रामीणों के साथ फोटोग्राफी करा कर चलते बने। ग्राम प्रधान गांव की समस्याओं और शिकायतों को लेकर उनसे अपनी बात कहते रहे और बताया कि उनके गांव में तैनात एएनएम को ग्रामवासियों ने आज तक देखा नहीं है तथा गांव स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र पर वह कभी आती ही नहीं है और न ही रात में प्रवास ही करती हैं। किंतु उन्होंने कुछ न सुनी तथा सरकारी वाहन में बैठकर चलते बने।
 महज रस्म अदायगी के तहत औपचारिकता के अंदाज में मात्र 2 मिनट में संपन्न हुई निगरानी समिति की बैठक के आंखों देखा हाल की शिकायत आक्रोशित ग्राम प्रधान ने जिलाधिकारी अयोध्या से करते हुए समूचे घटनाक्रम की बिंदुवार वस्तु स्थिति से अवगत करा दिया है। उन्होंने जिलाधिकारी के व्हाट्सएप पर तत्क्षण शिकायती पत्र देते हुए मामले में लापरवाह कर्मियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही अपेक्षित की है।

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