लखनऊ
कोविड-19 के द्वारा अव्यवस्था का लाभ लेते हुए प्रदेश सहित संपूर्ण देश के अस्पतालों में एक विशेष अनैतिक कृत्य चल रहा है .कोविड-19 से मृत व्यक्ति के जेब से मोबाइल, पैसे ,जेवर या अन्य सामान चुराने के मामले की चर्चाएं रोज सामने आ रही हैं. सफाई के बहाने गए शातिर इस तरह का काम कर रहे है कि मरे हुए व्यक्ति के शरीर से सबसे पहले जाकर के उसे टटोल कर उसके पास जितने भी आवश्यक चीजें हैं अंगूठी ,घड़ी ,मोबाइल फोन, रुपया या और भी कोई चीज सबको चुराकर के पहले अपने पास रखता है ,उसके बाद परिजनों को सूचित करता है कि आपका मरीज मर गया .
इस तरह का घृणित कर्म पूरे देश में चल रहा है इसमें अस्पतालों के कर्मचारी मिले हुए भी हैं .यद्यपि झांसी के अस्पताल में कुछ लोग पकड़े गए साफ-सफाई के बहाने उन लोगों ने मोबाइल और जरूरी चीजों को साफ कर दिया था .वहां की सक्रिय पुलिस ने उनको धर दबोचा लेकिन इस तरह की झांसी तो एक बानगी है ,संपूर्ण प्रदेश में कोई ऐसा जिला नहीं बचा है जिस जिले में इस तरह का कृत्य होता हो .
झांसी के पुलिस के मुताबिक आरोपियों के पास से चार एंड्रॉयड फोन और चोरी के तमाम जेवरात भी मिले हैं पुलिस ने उनके ऊपर कार्यवाही करके जेल भेज दिया है .विजय दिवेदी बीजेपी नेता ने कहा कैली अस्पताल में उनके मरीज के साथ भी इसी तरह हुआ.
इस तरह की हर जिला मुख्यालय पर ,प्राइवेट अस्पतालों पर ,नर्सिंग होम में शरारती तत्व देखने को आपको मिल जाएंगे लेकिन अपने स्वजन की जान गवाने के चक्कर में कोई भी व्यक्ति मोबाइल जरूरी सामानों की चिंता नहीं करता और रोता कल्पता हुआ वह लाश लेकर के निकल जाए यही ईश्वर को धन्यवाद देता है .कि इन कफ़न चोरों सर से मुक्ति मिल गयी.अस्पताल समय से लाश दे दे यही बहुत बड़ी कृपा परिजन मानते है.पर इतना तो साफ है बिना अस्पताल के किसी स्टाफ के मिले मृतकों के साथ इतना बड़ा अमानवीय कृत्य नही हो सकता.
हर ज़िला प्रशासन को तुरंत इस कुकृत्य की निगरानी रखने का आदेश देना चाहिए .