बस्ती का कैलीअस्पताल ,अस्पताल नही काल का प्रतीक,अधिसंख्य मरीज व परिजन दुर्व्यवहार से प्रताणित

 बस्ती

कप्तानगंज के विधायक सीए चंद्र प्रकाश शुक्ला ने कहा है यदि मैं मेडिकल कॉलेज प्रशासन की बात को मान लेता तो शायद मेरे भतीजे की जान नहीं बचती.मैने  स्वयं पहल करके कैलीअस्पताल से एक के बजाय एक अतिरिक्त सिलेंडर एंबुलेंस में रखने के लिए जब दबाव बनाया, तब मुझे पता चला मुझे बताया गया कि 1 सिलेंडर 6 घंटा चलता है पीजीआई तक जाने में पहुंच जाएगा , लेकिन बाराबंकी पहुंचने से पहले ही ऑक्सीजन सिलेंडर समाप्त हो गया. अगर दूसरा से मेरे पास नहीं होता तो मुझे आज अपने परिवार के सदस्य से हाथ धोना पड़ता .

ऊक्तआशय की जानकारी कप्तानगंज के विधायक चंद्र प्रकाश शुक्ला ने दी है उन्होंने कहा है कि मैंने जबरिया एक सिलेंडर गाड़ी में रखवा लिया था और कैली मेडिकल कालेज. प्रशासन की शिकायत विधायक ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना से भी व्यक्तिगत रूप से की है.मेडिकल कालेज की व्यवस्था पर उंगली उठाते हुए उन्हीने कहा कैली प्रशासन बेहद सम्वेदन हींन होगया है.मरीजो व उनके परिजनों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है और गरीबों की जान जा रही है उससे पार्टी शासन और मेडिकल कॉलेज तीनों की छवि धूमिल हो रही है और सरकार के ऊपर मेडिकल कॉलेज का प्रशादन बदनुमा दाग है उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रधानाचार्य के रहते हुए किसी का जीवन बचाना बड़ा मुश्किल है .

प्रधानाचार्य खुद समस्या है,उसका किसी स्टाफ सर भी नही बनती.

विधायक में मेडिकल कॉलेज प्रशासन और उसकी अव्यवस्था को लेकर के रोष व्यक्त किया गया है. अगर यह नहीं सुधरता है तो समस्या और गंभीर हो सकती है. तमाम माननियो के  नहीं  मौन व्रत के कारण मेडिकल कॉलेज लापरवाह और भयंकर त्रासदी जनपद के नागरिकों को दे रहा है .

एक दरोगा और पुलिस की भूमिका में एक डॉक्टर आ जाएगा तो उसकी क्या दशा होगी अभी कल्पना से ही मन से हर जाता है . कैली को लोग काल का प्रतीक मानते हैं.  कैली जाने के बाद फिर बच कर के वापस आना बड़ा मुश्किल है .48 वेंटिलेटर उपलब्ध होने के बावजूद भी मरीजों को सपोर्ट नहीं दिया जाता और ना तो मरीज बच रहे हैं इनकी सप्लाई रुक रुक कर के कालाबाजारी हो रही है .

कईयों की मौत तो भर्ती होने के दूसरे दिन हो गई भाजपा नेता अनूप खरे  तथा बीजेपी नेता विजय कुमार दिवेदी ने कहा है कैली में जहाँ आम मरीज तड़प कर जान दे रहा है वही प्रधानाचार्य के संगठित संरक्षण में मरीजो और परिजनों के साथ लूट होती है..

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