, महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा इकाई ओपेक कैली अस्पताल के वार्ड एवं गलियारों में कुल 36 सीसीटीवी कैमरे से कोरोना संक्रमित मरीजो के इलाज की निगरानी की जा रही है। उक्त जानकारी जिलाधिकारी श्रीमती सौम्या अग्रवाल ने दी है। उन्होंने बताया कि अन्य वार्ड, गलियारों, कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की कार्यवाही की जा रही है। एक कैमरा अस्पताल के कंट्रोल रूम मे भी लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि यह सीसीटीवी कैमरे आईसीयू एवं ऑक्सीजन पाइप लाइन युक्त वार्ड में लगाए गए हैं। इसकी निगरानी के लिए नियमित 24 घंटे अधिकारियों की तैनाती की गई है। प्रोबेशनर डिप्टी कलेक्टर शैलेश एवं अतुल द्वारा इनकी निगरानी की जा रही है तथा इनके द्वारा रिपोर्ट तैयार कर सुधारात्मक कार्यवाही के लिए सीएमएस कैली ओपेक अस्पताल को उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने बताया कि सीएमएस को निर्देश दिए गए हैं कि रात में वार्ड का औचक निरीक्षण करें तथा ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर, स्टाफ नर्स, वार्डब्वाय एवं अन्य स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं।
उन्होंने बताया कि पूर्व में इस आशय की शिकायतें प्राप्त होती थी कि डॉक्टर, स्टाफ नर्स, वार्डब्वाय एवं अन्य स्टाफ ड्यूटी के दौरान वार्ड में नहीं रहते हैं। यहाॅ भर्ती मरीजों द्वारा कोविड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर को फोन करके इस बारे में फीडबैक दिया जाता था परंतु सीसीटीवी कैमरा लगने के बाद अब इस तरह की शिकायतो में कमी आयी है। वार्ड में इनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे की निगरानी कराई जा रही है। वर्तमान में इस स्थिति में सुधार आया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि स्टाफ की सुविधा के लिए भी व्यवस्था की गई है और उनके ड्यूटी रूम में एसी लगवाया गया है। स्टाफ द्वारा वार्ड में ड्यूटी के दौरान गर्मी के कारण पीपीई किट नहीं पहना जाता था, जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता था। कमरों में एसी लग जाने से स्टाफ को सुविधा मिली है तथा वे नियमित रूप से पीपीई किट पहन रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यह सीसीटीवी कैमरे आईसीयू एवं ऑक्सीजन पाइप लाइन युक्त वार्ड में लगाए गए हैं। इसकी निगरानी के लिए नियमित 24 घंटे अधिकारियों की तैनाती की गई है। प्रोबेशनर डिप्टी कलेक्टर शैलेश एवं अतुल द्वारा इनकी निगरानी की जा रही है तथा इनके द्वारा रिपोर्ट तैयार कर सुधारात्मक कार्यवाही के लिए सीएमएस कैली ओपेक अस्पताल को उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने बताया कि सीएमएस को निर्देश दिए गए हैं कि रात में वार्ड का औचक निरीक्षण करें तथा ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर, स्टाफ नर्स, वार्डब्वाय एवं अन्य स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं।
उन्होंने बताया कि पूर्व में इस आशय की शिकायतें प्राप्त होती थी कि डॉक्टर, स्टाफ नर्स, वार्डब्वाय एवं अन्य स्टाफ ड्यूटी के दौरान वार्ड में नहीं रहते हैं। यहाॅ भर्ती मरीजों द्वारा कोविड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर को फोन करके इस बारे में फीडबैक दिया जाता था परंतु सीसीटीवी कैमरा लगने के बाद अब इस तरह की शिकायतो में कमी आयी है। वार्ड में इनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे की निगरानी कराई जा रही है। वर्तमान में इस स्थिति में सुधार आया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि स्टाफ की सुविधा के लिए भी व्यवस्था की गई है और उनके ड्यूटी रूम में एसी लगवाया गया है। स्टाफ द्वारा वार्ड में ड्यूटी के दौरान गर्मी के कारण पीपीई किट नहीं पहना जाता था, जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता था। कमरों में एसी लग जाने से स्टाफ को सुविधा मिली है तथा वे नियमित रूप से पीपीई किट पहन रहे हैं।